1965 से लेकर कारगिल तक हर बार पाकिस्तान को किया नेस्तनाबूद, 62 साल बाद MiG 21 को वायु सेना ने ऐसे दी विदाई

भारतीय वायुसेना के इतिहास का एक बड़ा अध्याय खत्म हो गया. छह दशक से भी ज्यादा समय तक भारत की हवाई ताकत की रीढ़ कहे जाने वाले सोवियत मूल के MiG-21 फाइटर जेट ने अपनी आखिरी उड़ान भरी. चंडीगढ़ एयरबेस पर हुए डीकमीशनिंग सेरेमनी में यह गौरवशाली विमान हमेशा के लिए रिटायर हो गया.

1965 से लेकर कारगिल तक हर बार पाकिस्तान को किया नेस्तनाबूद, 62 साल बाद MiG 21 को वायु सेना ने ऐसे दी विदाई
26 सितंबर 2025 को भारतीय वायुसेना के इतिहास का एक बड़ा अध्याय खत्म हो गया. छह दशक से भी ज्यादा समय तक भारत की हवाई ताकत की रीढ़ कहे जाने वाले सोवियत मूल के MiG-21 फाइटर जेट ने अपनी आखिरी उड़ान भरी. चंडीगढ़ एयरबेस पर हुए डीकमीशनिंग सेरेमनी में यह गौरवशाली विमान हमेशा के लिए रिटायर हो गया. MiG-21 के रिटायरमेंट समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, तीनों सेनाओं के प्रमुख समेत रक्षा मंत्रालय के कई अधिकारी शामिल हुए.
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1963 में पहली बार 13 MiG-21 भारत आया और इन्हें चंडीगढ़ में तैनात किया गया. यहीं से 28 स्क्वाड्रन यानी फर्स्ट सुपरसोनिक्स बनी, जिसने भारत को पहली बार सुपरसोनिक जेट का अनुभव दिया. डिफेंस मिनिस्टर राजनाथ सिंह ने मिग 21 के फेयरवेल सेरेमनी को संबोधित करते हुए कहा कि MiG 21 हमारे देश की रक्षा का एक सिंबल रहा है. MiG 21 ने कई दशकों तक हमारे देश की सुरक्षा का भार अपने विंग्स पर उठाया है. उन्होंने कहा कि 63 सालों का MiG 21 का सफर अपने आप में खास है. हम सभी के लिए MiG 21 सिर्फ एक फाइटर जेट नहीं बल्कि हमारी परिवार की तरह है.
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62 साल की सर्विस के दौरान सुपरसोनिक मिग-21 ने 1965 के भारत पाकिस्तान युद्ध, 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम और 1999 के कारगिल युद्ध और 2019 के बालाकोट एयर स्ट्राइक में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. बता दें यह भारत का पहला सुपरसोनिक जेट था यानी ये आवाज की गति (332 मीटर प्रति सेकेंड) से तेज उड़ सकता है. अब इसकी जगह तेजस LCA मार्क 1A को शामिल किया जाएगा.
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आखिरी उड़ान में स्क्वाड्रन लीडर प्रिया शर्मा, भारत की सातवीं महिला फाइटर पायलट, भी शामिल रहीं. उन्होंने राजस्थान से उड़ान भरकर एयर चीफ के साथ फॉर्मेशन फ्लाई किया. यह नई पीढ़ी और MiG-21 की विरासत को जोड़ने वाला पल था.
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MiG-21 को फाइटर पायलटों का ट्रेनर भी कहा जाता है. क्योंकि लगभग हर भारतीय फाइटर पायलट ने अपना शुरुआती उड़ान प्रशिक्षण इसी जेट से किया. इसने पीढ़ी दर पीढ़ी भारतीय वायुसेना को मजबूत बनाया. मिग 21 की वजह भारतीय वायुसेना का होमग्रोन लड़ाकू एयरक्राफ्ट तेजस ले रहा है. तेजस ही मिग-21 का मजबूत और आधुनिक ऑप्शन हैं. ये विमान आधुनिक रडार, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम और मिसाइल टेक्नोलॉजी से लैस है.
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