सेलिब्रेटी नहीं कर पाएंगे सट्टेबाजी वाले ऐप का एड, सरकार के निशाने पर ऑनलाइन गेमिंग कंपनियां

20 अगस्त 2025 को लोकसभा में ऑनलाइन गेमिंग बिल पेश हो रहा है. इसके तहत सट्टेबाजी वाले ऐप्स के विज्ञापनों पर पूर्ण प्रतिबंध लगेगा और ऐसे गेमिंग प्लेटफॉर्म चलाने वालों के लिए तीन साल की जेल या एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना प्रस्तावित है.

Online Gaming Bill 2025 Image Credit: Canva/ Money9

Online Gaming Bill 2025: 20 अगस्त 2025 को लोकसभा में प्रमोशन एंड रेगुलेशन ऑफ ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025(Promotion and Regulation of Online Gaming Bill 2025) पेश होने वाला है. संसद में आज पेश होने वाले इस बिल के तहत इन ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म के विज्ञापन पर भी नकेल कसा जाएगा. इसके तहत अब कोई भी मशहूर हस्ती फिल्म स्टार, खिलाड़ी या सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर सट्टेबाजी वाले ऐप्स का विज्ञापन नहीं कर पाएंगे.

मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के अनुसार, पैसे लगाकर ऑनलाइन गेम्स खेलने वाले अपराधी नहीं हैं, लेकिन सरकार उन कंपनियों पर सख्त होने वाली है जो इस तरह के गेम्स के लिए प्लेटफॉर्म मुहैया कराती है. यानी गेमर्स अपराधी नहीं हैं, लेकिन पैसे लगाकर ऑनलाइन गेमिंग के लिए ऐप बनाने वाली कंपनियों पर आपराधिक प्रतिबंध लगाया जाएगा. इस बिल को 19 अगस्त को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी. यह बिल ऑनलाइन पैसे वाले गेम्स को रेगुलेट करने के लिए बनाया गया है.

3 साल की जेल और 1 करोड़ का जुर्माना

इस बिल में ऑनलाइन पैसे वाले गेम्स की पेशकश करने वाली कंपनियों पर सख्त नियम होंगे, लेकिन गेम खेलने वालों को अपराधी नहीं माना जाएगा. अगर कोई कंपनी इन गेम्स को चलाती है या प्रमोट करती है, तो उसके प्रमोटर को 3 साल तक की जेल या 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना हो सकता है. सरकार ने यह कदम गेमिंग प्लेटफॉर्म को नियंत्रित करने के लिए उठाया गया है.

कैटेगरीडिटेल
उद्योग का अनुमान2024 में ₹31,938 करोड़ → 2029 तक ₹78,551 करोड़
RMG (Real Money Gaming) का योगदान2024 में कुल राजस्व का 85.7% यानी ₹27,438 करोड़
FDI प्राप्त₹25,896 करोड़
भारत में गेमर्स की संख्या591 मिलियन (59.1 करोड़), यानी वैश्विक गेमिंग आबादी का 20%
मोबाइल गेम डाउनलोडहर साल 11.2 बिलियन डाउनलोड
प्रमुख RMG कंपनियाँDream11, MPL, Games24x7, Gameskraft, Head Digital Works, Winzo, Zupee
लिस्टेड कंपनियाँNazara Tech (Classic Rummy व PokerBaazi में हिस्सेदारी) – Delta Corp (हाल ही में Adda52 ऑनलाइन पोकर बेचा)

राज्य सूची का विषय है बेटिंग और गैम्बलिंग

बेटिंग और गैम्बलिंग राज्य सूची का विषय है. इसलिए इसके लिए नियम बनाने या इसे रेगुलेट करने का अधिकार भी राज्य के पास ही होता है. लेकिन ऑनलाइन मामलों से संबंधित विषय केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है. अब तक ऑनलाइन गेमिंग जैसे जुआ आदि को राज्य सरकारें नियंत्रित करती थीं. लेकिन चूंकि ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म कई राज्यों में काम करते हैं, इसलिए केंद्र सरकार ने इसे राष्ट्रीय स्तर पर रेगुलेट करने का फैसला किया है.

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क्यों जरूरी है यह कानून

ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री के साथ ही फ्रॉड, ठगी और अवैध सट्टेबाजी तेजी से बढ़ रही है. लाखों लोग इस तरह की ठगी के शिकार हो रहे हैं. ऐसे में अपराध पर लगाम और आम लोगों को होने वाले आर्थिक नुकसान को रोकने के लिए इस तरह के कदम उठाए जाने की जरूरत है. पिछले साल ED ने एक गेमिंग कंपनी पर छापा मारकर 68 करोड़ रुपये जब्त किए थे. जांच में पता चला कि कंपनी ने 2,850 करोड़ रुपये कमाए और इसमें से 2,265 करोड़ रुपये विदेश भेज दिए.

ई-स्पोर्ट्स को मिलेगा बढ़ावा

यह बिल ना केवल गेमिंग को नियंत्रित करेगा, बल्कि ई-स्पोर्ट्स और ऑनलाइन सोशल गेम्स को भी बढ़ावा देगा. सरकार WAVES, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ क्रिएटिविटी और STPC के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस जैसे कार्यक्रमों के जरिए ई-स्पोर्ट्स को पहले से ही प्रोत्साहित कर रही है.

लग सकता है 40% GST

ऑनलाइन गेमिंग सेक्टर पर सरकार पहले ही टैक्स और रेगुलेशन का दायरा बढ़ा चुकी है. अक्टूबर 2023 से ऑनलाइन गेमिंग पर 28 फीसदी GST लागू किया गया है. इसके अलावा गेम में जीती गई रकम पर 30 फीसदी इनकम टैक्स भी लगाया गया है. इसके अलावा अब तक सरकार 1,400 से ज्यादा गैरकानूनी बेटिंग और गेमिंग ऐप्स को ब्लॉक कर चुकी है. अब सरकार की ओर से प्रस्तावित GST रिफॉर्म में 28 फीसदी के स्लैब को खत्म करने की बात की जा रही है. इसलिए अब इस पर या तो 18 या 40 फीसदी जीएसटी लग सकता है.