Food Delivery Platforms की बड़ी छलांग: FY24 में 13.7 लाख Employment, फिर भी Gig Workers पर क्यों बढ़ रहा दबाव?

भारत में फूड डिलीवरी प्लेटफार्म सेक्टर ने वित्त वर्ष 2023-24 में रोजगार और आर्थिक गतिविधियों के लिहाज से बड़ी छलांग लगाई है. एनसीएईआर की रिपोर्ट के अनुसार, इस सेक्टर का ग्रॉस आउटपुट करीब रुपये 1.2 लाख करोड रहा, जो देश की कुल अर्थव्यवस्था की तुलना में तेज गति से बढ़ा है. इसी अवधि में फूड डिलीवरी प्लेटफार्म से जुड़े डायरेक्ट रोजगार की संख्या बढ़कर 13.7 लाख हो गई, जो वित्त वर्ष 2021-22 में 10.8 लाख थी. यह आंकड़े दिखाते हैं कि स्विगी और जोमैटो जैसे प्लेटफार्म शहरी रोजगार का एक अहम जरिया बन चुके हैं और लाखों परिवारों की आजीविका इन्हीं पर निर्भर है.

हालांकि, दूसरी तरफ गिग वर्कर्स के हालात को लेकर गंभीर सवाल भी खड़े हो रहे हैं. गिग वर्कर संगठनों और पॉलिसी एक्सपर्ट्स का कहना है कि रोजगार में बढ़ोतरी के ये आंकड़े गिग इकॉनमी में छिपे जॉब डिस्ट्रेस को पूरी तरह नहीं दिखाते. कई फूड डिलीवरी राइडर्स को 12 से 14 घंटे तक काम करना पड़ता है, लेकिन इसके बावजूद उनकी आय काफी कम रहती है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, गिग वर्क में लोगों की बढ़ती भागीदारी बेरोजगारी बढ़ने का नतीजा भी हो सकती है.