भारत में प्राइवेट क्रेडिट का बूम! 10 अरब डॉलर के मार्केट में बड़े डील्स की धूम
भारत में प्राइवेट क्रेडिट मार्केट तेजी से नई ऊंचाइयों पर पहुंच रहा है. जहां एक दशक पहले यह सेक्टर सिर्फ कोलेट्रल-बेस्ड लोन तक सीमित था, अब यह 2024 तक $10 अरब (करीब ₹83,000 करोड़) के मार्केट में बदल चुका है. 2025 के पहले छह महीनों में ही लगभग $6 अरब (₹49,800 करोड़) की डील्स दर्ज की गई हैं. इस बूम का बड़ा उदाहरण शापूरजी पल्लोनजी ग्रुप की रिकॉर्ड-ब्रेकिंग $3.5 अरब (₹29,000 करोड़) की जीरो-कूपन बॉन्ड डील है, जो अब तक की सबसे बड़ी प्राइवेट क्रेडिट डील मानी जा रही है. वहीं, मणिपाल ग्रुप ने हेल्थकेयर सेक्टर के लिए $600 मिलियन (₹4,980 करोड़) का फंड जुटाया है. हालांकि, बायोकॉन बायोलॉजिक्स की चेयरपर्सन किरण मजूमदार-शॉ ने चेतावनी दी है कि स्ट्रक्चर्ड वेंचर डेट के कारण प्रॉफिटेबिलिटी पर दबाव बढ़ रहा है, लेकिन इसके बावजूद निवेशकों का रुझान लगातार बढ़ रहा है. विशेषज्ञों के मुताबिक, प्राइवेट क्रेडिट की बढ़ती मांग का कारण तेजी से बदलती फाइनेंसिंग की जरूरतें और पारंपरिक बैंकों की सीमाएं हैं.