ईरान-इजरायल तनाव से बढ़े कच्चे तेल के दाम, आपकी जेब पर क्या पड़ेगा असर?
बीते एक सप्ताह से मिडिल ईस्ट में ईरान-इजरायल के बीच चल रहे संघर्ष ने वैश्विक तेल बाजार को हिला दिया है. इस दौरान ब्रेंट क्रूड की कीमतों में 8 से 10 डॉलर प्रति बैरल तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. भारत, जो अपनी 90 फीसदी से अधिक कच्चे तेल की आवश्यकता आयात के जरिए पूरी करता है, इस भू-राजनीतिक अस्थिरता से प्रभावित हो सकता है. ईरान का पर्शियन गल्फ और स्ट्रेट ऑफ हॉर्मुज पर नियंत्रण है, जहां से वैश्विक तेल सप्लाई का बड़ा हिस्सा होकर गुजरता है. यदि ईरान इस मार्ग को बंद करता है या युद्ध लंबा चलता है, तो ब्रेंट क्रूड 120-130 डॉलर प्रति बैरल तक जा सकता है.
हालांकि, भारत ने पिछले साल रूस से सस्ते तेल के जरिए आयात को बढ़ाया था, लेकिन 2024 की शुरुआत से इराक और सऊदी अरब पर अधिक निर्भरता दिखाई दी है. यदि तनाव बढ़ता है, तो भारत फिर से रूस की ओर रुख कर सकता है. जानकारों का मानना है कि सरकार और तेल कंपनियां मिलकर मूल्य वृद्धि को समायोजित कर लेंगी और आम जनता पर इसका सीधा असर नहीं पड़ेगा.