सिर्फ कचरा नहीं, एक $7.85 बिलियन की कहानी!

अक्सर जब हम कचरे की बात करते हैं, तो हमारे दिमाग में बस कूड़ा गाड़ी या डस्टबिन की तस्वीर आती है. लेकिन यह तो कचरे के पूरे सफर का आखिरी सिरा होता है. असल में, कचरा बनते ही एक सात-चरणीय प्रक्रिया शुरू हो जाती है- उत्पत्ति, छंटाई, संग्रहण, परिवहन, प्रसंस्करण, निपटान और निगरानी. ये सभी चरण एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं. इनमें से किसी एक भी कड़ी में कमी हो, तो पूरा सिस्टम चरमरा सकता है.

दुर्भाग्य से भारत में कचरा अक्सर सीधे उत्पत्ति से निपटान तक चला जाता है, जबकि बीच के जरूरी कदम- जैसे छंटाई और प्रोसेसिंग को नजरअंदाज कर दिया जाता है. इसी का नतीजा है कि हमारे शहरों में मिक्स्ड वेस्ट के पहाड़ खड़े हो जाते हैं, जिनमें से उपयोगी संसाधन निकाले जा सकते थे.

जब तक हम हर स्टेप को सशक्त नहीं बनाएंगे, तब तक कचरा प्रबंधन सिर्फ दिखावा ही रहेगा.