पिछले सप्ताह बाजार में मामूली उतार-चढ़ाव रहा, लेकिन शीर्ष कंपनियों के वैल्यूएशन में खास फर्क देखने को मिला. जहां कुछ दिग्गजों की मार्केट कैप बढ़ी, वहीं कई नामी कंपनियों की वैल्यू में गिरावट आई. बाजार अब आने वाले सप्ताह की दिशा को लेकर उत्सुक है.
आज सोने की कीमतों में खास बदलाव नहीं दिखा. दिल्ली और चेन्नई में मामूली अंतर रहा, जबकि चांदी 190 रुपये प्रति ग्राम पर स्थिर रही. सोने की कीमतें वैश्विक संकेतों, डॉलर और मांग से प्रभावित होती हैं.
ई-कॉमर्स सेक्टर की एक पुरानी खिलाड़ी कंपनी ने सार्वजनिक निर्गम की तैयारी तेज कर दी है. एक तरफ प्रमुख निवेशक हिस्सेदारी बेच रहे हैं, तो दूसरी तरफ कंपनी तकनीकी विस्तार, मार्केटिंग और अधिग्रहण की ओर कदम बढ़ा रही है. बाजार अब इसकी लिस्टिंग रणनीति और प्रदर्शन पर नजरें टिकाए हुए है.
होटल सेक्टर की एक बड़ी कंपनी में ताजा लेनदेन ने बाजार का ध्यान खींचा है. जहां एक बड़ी विदेशी इकाई ने अपनी हिस्सेदारी बेची, वहीं कई बड़े घरेलू और वैश्विक निवेशकों ने इसमें खरीदारी की है. अब सवाल यह है कि यह सौदा आगे स्टॉक प्रदर्शन और निवेशक धारणा को कैसे प्रभावित करेगा.
डिफेंस एंड शिपबिल्डिंग सेक्टर में अग्रणी एक सरकारी कंपनी ने अगले साल के लिए बेहद आक्रामक ग्रोथ संकेत दिए हैं. ऑर्डर बुक और प्रोजेक्ट पाइपलाइन ने निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ाई है, जबकि स्टॉक में मामूली गिरावट के बावजूद बाजार की नजरें आगे के संकेतों पर टिक गई हैं.
म्यूचुअल फंड बाजार की एक बड़ी कंपनी दिसंबर में शेयर बाजार की राह पकड़ने वाली है. इसकी लिस्टिंग को लेकर निवेशकों में उत्सुकता है, क्योंकि मजबूत प्रदर्शन और बड़े स्केल इसे खास बनाते हैं. अब बाजार देखने को बेताब है कि यह इश्यू लिस्टिंग डे पर कैसा रंग लाता है.
बायोकॉन के बड़े रणनीतिक फैसले ने निवेशकों का ध्यान खींचा है. छह महीने में 18 फीसदी रिटर्न देने वाला यह शेयर अब मर्जर के वजह से चर्चा में है. बाजार की नजर इस बात पर है कि क्या यह कदम कंपनी के मूल्यांकन और स्टॉक प्रदर्शन को नई दिशा देगा. पूरी तस्वीर ट्रेडिंग में सामने आएगी.
कीमती धातुओं के बाजार में आज स्थिरता दिखी है. सोने की कीमतों में मामूली बढ़ोतरी और शहरवार रेट में बदलाव ने निवेशकों और खरीददारों का ध्यान खींचा है. सोने औऱ चांदी की कीमत किन कारकों से प्रभावित हो रहा है, इसका जवाब रिपोर्ट में.
ग्रामीण बैंकिंग ढांचे में जल्द एक बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है. सरकार ने संकेत दिया है कि अगले दो वर्षों में कुछ चुनिंदा RRB पूंजी बाजार में एंट्री करेंगे. इससे न सिर्फ उनकी काम पर असर पड़ेगा, बल्कि ग्रामीण क्रेडिट व्यवस्था की दिशा भी बदल सकती है.
तेजी से बढ़ती क्विक कॉमर्स इंडस्ट्री में एक बड़ी हलचल हुई है. जिस कंपनी ने पिछले महीनों में बेहतरीन निवेश आकर्षित किया, अब उसने सार्वजनिक बाजारों की ओर कदम बढ़ाया है. अगले कुछ हफ्तों में इससे जुड़े बड़े फैसले सामने आ सकते हैं, लेकिन लिस्टिंग के समय और आकार पर सबकी नजरें टिक गई हैं.