इस हफ्ते सर्राफा बाजार में सोने की चाल आसान नहीं रही. कभी भाव नीचे खिसके, तो कभी अचानक मजबूती दिखी. वैश्विक संकेतों, निवेशकों की रणनीति और बाजार की धड़कन ने पूरे हफ्ते सोने को चर्चा में बनाए रखा. पूरी कहानी आगे है.
इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के बाद भी लाखों टैक्सपेयर्स एक अनदेखे जोखिम में हैं. एक तय तारीख के बाद न तो गलती सुधारी जा सकेगी और न ही पूरा फायदा मिल पाएगा. टैक्स एक्सपर्ट्स की चेतावनी अब निवेशकों को सतर्क कर रही है.
भारतीय शेयर बाजार में विदेशी निवेशकों की चाल पहली नजर में उलझी हुई लगती है. कहीं बिकवाली है, तो कहीं लंबे ट्रेंड की आहट. आंकड़े बताते हैं कि कुछ आर्थिक संकेत ऐसे हैं, जो आने वाले समय में बड़ी हलचल की ओर इशारा कर रहे हैं.
T20 वर्ल्ड कप के लिए भारतीय टीम के चयन में बड़े बदलाव देखने को मिले हैं. ओपनर शुभमन गिल को विश्व कप टीम में जगह नहीं दी गई है. वाइस कैप्टन की जिम्मेदारी अक्षर पटेल को दी गई है. सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में जोरदार प्रदर्शन का इनाम ईशान किशन को मिला है.
शेयर बाजार की चाल भले ही सीमित रही हो, लेकिन एक अहम इंडेक्स ने निवेशकों का ध्यान खींच लिया है. डर का पैमाना माने जाने वाला संकेत कुछ ऐसा बता रहा है, जिसने बाजार के अगले कदम को लेकर नई चर्चा छेड़ दी है.
होटल सेक्टर की एक बड़ी कंपनी ने अपनी रणनीति में अहम बदलाव किया है, जिसका असर सीधे शेयर बाजार पर पड़ सकता है. हिस्सेदारी, मैनेजमेंट और भविष्य की ग्रोथ से जुड़ा यह फैसला निवेशकों के लिए नए संकेत दे रहा है. सोमवार को इस स्टॉक पर खास नजर रहने वाली है.
दिसंबर के तीसरे हफ्ते में शेयर बाजार के प्राथमिक सेगमेंट में हलचल तेज होने वाली है. जहां मेनबोर्ड पर सीमित गतिविधि दिखेगी, वहीं SME सेगमेंट निवेशकों के लिए कई नए मौके लेकर आ रहा है. कौन से इश्यू चर्चा में हैं, इसका जवाब आगे छिपा है.
रिकॉर्ड स्तर छूने के बाद बुलियन बाजार में अचानक हलचल बढ़ गई है. चांदी की चाल ने निवेशकों को चौंकाया है, जबकि सोने का रुख अलग नजर आ रहा है. वैश्विक संकेत और नीतिगत फैसले बाजार की दिशा तय करने वाले हैं.
चांदी को अब सिर्फ गहनों की धातु मानना भूल होगी. टेक्नोलॉजी, ग्रीन एनर्जी और वैश्विक रणनीति से जुड़ती इस धातु को लेकर एक नई रिपोर्ट ने बाजार के लिए आगे का बाजार साफ कर दिया है. रिपोर्ट मानती है कि अगर मौजूदा ट्रेंड कायम रहता है, तो चांदी में तेजी आएगी.
वैश्विक बाजारों में उतार-चढ़ाव के बावजूद भारत की बाहरी आर्थिक स्थिति को लेकर सकारात्मक संकेत सामने आए हैं. रिजर्व बैंक के नए आंकड़े यह दिखाते हैं कि विदेशी मुद्रा प्रबंधन और निवेश प्रवाह ने अर्थव्यवस्था को एक अहम सहारा दिया है.