विद्या वायर्स के आईपीओ में दूसरे ही दिन जोरदार मांग देखने को मिली, रिटेल निवेशक सबसे ज्यादा सक्रिय रहे. कंपनी की विस्तार योजनाओं और बाजार क्षमता ने निवेशकों को आकर्षित किया है. आगे इस इश्यू की प्रगति और निवेशकों की रुचि क्या दिशा दिखाएगी, पूरी रिपोर्ट पढ़ें.
दिल्ली के सर्राफा बाजार में गुरुवार को सोना-चांदी दोनों फिसले, लेकिन इसका असर सिर्फ कीमतों तक सीमित नहीं है. वैश्विक संकेत, अमेरिकी नीति उम्मीदें और निवेशकों के व्यवहार ने बाजार में नई हलचल पैदा की है. आगे क्या? पूरी रिपोर्ट जानिए यहां.
साल 2025 में सोने ने ऐसी उछाल दिखाई जिसने निवेश जगत को हिला दिया. इस चमक में ऐसे कारक जुड़े हैं जिनसे बाजार का रुझान बदल गया है. अब 2026 में क्या होने वाला है और किन विकल्पों पर निवेशक नजर रखें? पूरी कहानी पढ़िए यहां.
रुपया 90 के स्तर को पार कर बाजार को चौंका गया, लेकिन SBI रिसर्च की ताजा रिपोर्ट इशारा करती है कि यह सिर्फ एक संख्या का खेल नहीं है. इस गिरावट के पीछे कुछ ऐसे गहरे कारण छिपे हैं जिन्होंने मुद्रा बाजार की सोच, उम्मीदों और दिशा को बदल दिया है.
देश की एक बड़ी FMCG कंपनी निवेशकों को लेकर बड़ा बदलाव कर रही है. इसे लेकर बाजार में हलचल है, क्योंकि इसकी एक लोकप्रिय यूनिट अब एक अलग कंपनी के रूप में खड़ी होने वाली है. इस प्रक्रिया से शेयरधारकों की हिस्सेदारी पर असर पड़ेगा और कीमतों में उतार-चढ़ाव संभव है.
गुजरात की एक दवा कंपनी बाजार में कदम रखने से पहले ही सुर्खियों में है. इसे लेकर निवेशकों में हलचल है और शुरुआती संकेत उत्साह बढ़ाने वाले दिख रहे हैं. कंपनी के कारोबार, लाभ और शेयर बिक्री योजना को लेकर बाजार में कई तरह की चर्चाएं चल रही हैं.
प्राइमरी मार्केट में हाल की गतिविधियों ने निवेशकों का ध्यान तेजी से खींचा है. कई बड़ी कंपनियां अपनी सार्वजनिक पेशकशों की तैयारी में हैं, जबकि हाल के रुझान बाजार के उत्साह को और बढ़ाते दिख रहे हैं. नियामकीय मंजूरियों और संभावित लिस्टिंग्स को लेकर निवेशकों में नई चर्चा शुरू हो गई है.
सोने और चांदी के बाजार में इन दिनों असामान्य हलचल देखी जा रही है, जिसने निवेशकों और ग्राहकों दोनों का ध्यान खींच लिया है. वैश्विक संकेतों, मौसमी मांग और आर्थिक अनुमानों के बीच कीमती धातुओं में तेज रुझान दिखाई दे रहा है, जिससे बाजार में नई चर्चाएं शुरू हो गई हैं.
देश की उभरती एयरोस्पेस मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों में एक नाम इन दिनों तेजी से चर्चा में है. अत्याधुनिक तकनीक, ग्लोबल क्लाइंट्स और वर्टिकल इंटीग्रेशन मॉडल के कारण कंपनी को लेकर निवेशक उत्सुक हैं.
अक्टूबर के त्योहारी सीजन के बाद नंवबर में जीएसटी कलेक्शन के मोर्चे पर सुस्ती देखने को मिली है. डोमेस्टिक कलेक्शन जहां सालाना आधार पर 2.3 फीसदी घटकर 1.24 लाख करोड़ रुपये रहा. वहीं, ग्रॉस GST में 0.7 फीसदी की ग्रोथ देखने को मिली है.