कहीं SIP तोड़ न दे आपका करोड़पति बनने का सपना! जानें असली सच, फायदे और बड़े खतरे

आज हम बात कर रहे हैं उस निवेश तरीके की, जिसने देश में आदत की तरह जगह बना ली है. इसका नाम है SIP यानी Systematic Investment Plan. हर महीने थोड़ा-थोड़ा पैसा लगाकर बड़ा फंड बनाने का सिस्टम. पिछले कुछ सालों में SIP में लोगों का भरोसा इतना तेज़ी से बढ़ा है कि यह लगभग EMI की तरह घर-घर में एक जरूरी खर्च बन गई है. AMFI के आंकड़ों के मुताबिक, हर महीने करीब 30,000 करोड़ रुपये SIP में बह रहे हैं. यह अपने आप में एक रिकॉर्ड है. लोग मानते हैं कि SIP हमेशा फायदा देती है और इसमें नुकसान का डर नहीं होता. लेकिन असलियत इससे थोड़ी अलग है. SIP कोई जादू की छड़ी नहीं है और गलत समय पर गलत कदम उठाने पर नुकसान भी हो सकता है.

SIP क्यों सुरक्षित मानी जाती है?

लोग SIP को सुरक्षित इसलिए समझते हैं क्योंकि इसमें पैसा धीरे-धीरे लगता है. Market ऊपर हो या नीचे, हर महीने निवेश चलता रहता है. एक बार में बड़ी रकम निवेश करने का जोखिम इसमें नहीं होता. लेकिन SIP तभी मदद करती है जब आप इसे बीच में रोकते नहीं हैं और market के गिरने पर घबराकर पैसा नहीं निकालते. अगर आपने SIP शुरू की और गिरावट में डरकर बंद कर दी, तो फायदा भी नहीं मिलेगा. SIP का असली आधार गणित नहीं बल्कि patience और आदत है.

एक मिसाल से समझिए SIP का फायदा

मान लीजिए दो लोग हैं. Investor A ने 1 जनवरी 2020 को 6 लाख रुपये एकमुश्त शेयर बाजार में लगाए. वहीं Investor B ने उसी दिन फैसला किया कि वह पूरे 2020 में 50,000 रुपये हर महीने SIP से लगाएगा. मार्च–अप्रैल में कोरोना के कारण market 32% टूट गया. Investor A का पैसा 6 लाख से गिरकर लगभग 4 लाख रह गया और वह डर गया. लेकिन Investor B को इस गिरावट में सबसे ज़्यादा units मिलीं क्योंकि कीमत नीचे थी. 2021 में market रिकवर हुआ तो Investor B की वैल्यू 7.7 लाख पहुंच गई, जबकि Investor A सिर्फ 6.92 लाख पर रहा. दोनों ने बराबर पैसा लगाया था, लेकिन फर्क पड़ा धैर्य और समय पर. यही SIP का वास्तविक फायदा है.

SIP में किससे सबसे बड़ी गलती होती है?

SIP की सबसे बड़ी दुश्मन market नहीं बल्कि निवेशक की आदतें हैं. Axis Mutual Fund की रिपोर्ट बताती है कि लोग SIP अक्सर तब शुरू करते हैं जब market चढ़ रहा होता है और गिरावट आते ही डरकर निकल जाते हैं. ऐसे निवेशक actual return से करीब 3.9% कम कमाते हैं. हैरानी की बात है कि सिर्फ 3% लोग ही अपनी SIP को 5 साल से ज्यादा चलाते हैं. यानी नुकसान SIP की वजह से नहीं बल्कि लोगों की घबराहट और अधूरी समझ से होता है.

Long-Term SIP भी गारंटी नहीं देती

सोचिए आपने जनवरी 2008 में 10,000 रुपये की monthly SIP शुरू की. जनवरी 2020 तक आपका पैसा लगभग 28 लाख हो चुका था और return शानदार दिख रहे थे. लेकिन मार्च 2020 के crash में यही पैसा 17.6 लाख पर आ गया और return सिर्फ 2–3% रह गया. यानी सालों की मेहनत कुछ हफ्तों में गिर सकती है, अगर आपका exit timing खराब हो जाए. यह SIP का सबसे बड़ा risk है.