UPS से NPS में शिफ्ट होने की इजाजत, क्या हैं इसके मायने?
सरकार ने केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के लिए एकमुश्त, वन-वे स्विच सुविधा शुरू की है, जिससे यूनिफाइड पेंशन स्कीम (NPS) से नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में ट्रांसफर होने की अनुमति मिल जाएगी. वित्त मंत्रालय द्वारा सोमवार को जारी अधिसूचना के अनुसार, कर्मचारी 30 सितंबर 2025 तक UPS का विकल्प चुन सकते हैं. हालांकि, स्विच विकल्प का प्रयोग केवल एक बार ही किया जा सकता है और इसे रिटायरमेंट से कम से कम एक वर्ष पहले या स्वैच्छिक रिटायरमेंट से तीन महीने पहले, जो भी पहले हो, किया जाना चाहिए.
नोटिफिकेशन में स्पष्ट किया गया है कि त्यागपत्र के मामलों में भी यही नियम लागू होंगे, यदि आवश्यक हुआ तो मामूली संशोधनों के साथ. हालांकि, बर्खास्तगी, दंड के रूप में अनिवार्य सेवानिवृत्ति,या जहां अनुशासनात्मक कार्यवाही लंबित हो या विचाराधीन हो, वहां स्विच सुविधा उपलब्ध नहीं होगी.
एक बार स्विच हो जाने पर, पीएफआरडीए (एनपीएस के तहत निकासी और निकासी) विनियम, 2015 के प्रावधान लागू हो जाएंगे. इसका मतलब है कि कर्मचारी अब यूपीएस के तहत सुनिश्चित भुगतान और लाभों के लिए पात्र नहीं होगा. सरकार ने यह भी कहा कि डिफॉल्ट निवेश पैटर्न के आधार पर 4% का अंतर अंशदान, कर्मचारी के एनपीएस कोष में निकासी के समय गणना करके जोड़ा जाएगा.