US पर भारी पड़ेगी ये मिस्टेक, मोदी चलेंगे RCEP का दांव!

अमेरिका के साथ टैरिफ को लेकर तनाव बढ़ने और चीन के साथ संबंधों में सुधार के बाद, भारत अब क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (RCEP) में फिर से शामिल होने पर विचार कर रहा है. रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार इस व्यापारिक समूह में संभावित वापसी के साथ “पूर्व के साथ और गहराई से जुड़ाव” पर विचार कर रही है. सरकार ने RCEP समझौते पर हस्ताक्षर होने से पहले 2019 में बाजार पहुंच, व्यापार घाटे, किसानों और घरेलू निर्माताओं के लिए जोखिम को प्रमुख जोखिम बताते हुए इस व्यापार समूह से बाहर निकलने का फैसला किया था. इस समूह से बाहर निकलने का एक कारण यह चिंता थी कि चीनी सामान इन पूर्वी एशियाई देशों से होकर गुज़रेंगे, जिससे व्यापार संतुलन प्रभावित होगा.

हालांकि, अब सरकारी अधिकारी निर्यात बाजारों में विविधता लाने के प्रयासों और अमेरिका द्वारा लगाए गए भारी टैरिफ को लेकर तनाव के तहत इस समूह में शामिल होने के फायदे और नुकसान पर विचार कर रहे हैं.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूसी कच्चा तेल खरीदने पर 25 प्रतिशत के जुर्माने के अलावा 25 प्रतिशत का आधार शुल्क भी लगाया है. हालांकि, खबरों के अनुसार 27 अगस्त के बाद लागू होने वाला अतिरिक्त 25 प्रतिशत शुल्क ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच ‘सकारात्मक’ बातचीत के बाद हटाया जा सकता है.