बैंकिंग सिस्टम पर मंडरा रहा है भरोसे का संकट? RBI की चेतावनी और आपके पैसे का सवाल
हम सबकी जिंदगी में बैंक सिर्फ पैसे जमा करने या निकालने का माध्यम नहीं हैं, बल्कि एक ऐसा सिस्टम है जिस पर हमारी आर्थिक सुरक्षा टिकी होती है. लेकिन RBI के डिप्टी गवर्नर स्वामीनाथन जे. की हालिया चेतावनी ने बैंकिंग सेक्टर को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. उन्होंने करूर वैश्य बैंक की सालगिरह पर कहा कि कुछ बैंक और NBFCs मुनाफा दिखाने के चक्कर में नियमों को तोड़-मरोड़ रहे हैं. ‘क्रिएटिव अकाउंटिंग’, जोखिम नियंत्रण की अनदेखी और कमजोर ऑडिट सिस्टम के जरिए ये संस्थाएं केवल ऊपरी तौर पर ग्रोथ दिखा रही हैं, जबकि अंदर से सिस्टम कमजोर हो रहा है.
बिना पर्याप्त जांच के लोन बांटना, तकनीक को बिना सुरक्षा के लागू करना और डेटा को मनमुताबिक पेश करना इन सब वजहों से बैंकिंग सिस्टम में जोखिम बढ़ रहा है. RBI को कई बार इन मामलों में हस्तक्षेप करना पड़ रहा है. डिप्टी गवर्नर ने साफ कहा कि अगर भारत को 2047 तक विकसित बनना है, तो बैंकिंग सिस्टम को भरोसेमंद और नियमों के अनुसार बनाना ही होगा. बैंकिंग का मूलभूत आधार है विश्वास, और अगर यही टूट गया तो पूरा ढांचा ढह सकता है.