भारत में बढ़ता क्रेडिट कार्ड डिफॉल्ट, 44% बढ़ी बकाया राशि, बैंकों के लिए खतरे की घंटी

भारत में क्रेडिट कार्ड का बढ़ता उपयोग अब चिंता का विषय बनता जा रहा है, खासकर तब जब इसके साथ डिफॉल्ट का खतरा भी तेजी से बढ़ रहा है. क्रेडिट रिपोर्टिंग एजेंसी CRIF हाई मार्क की रिपोर्ट के अनुसार, मार्च 2025 तक क्रेडिट कार्ड से जुड़ी 91 से 360 दिनों की बकाया राशि 44 फीसदी बढ़कर 33,886 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है. इस आंकड़े से साफ है कि बड़ी संख्या में कार्डधारक समय पर अपने बकाया भुगतान करने में असफल हो रहे हैं. बकाया की इस श्रेणी को ‘डेलिक्वेंट’ यानी संभावित डिफॉल्ट की स्थिति में रखा जाता है. यह रुझान बैंकों के लिए जोखिमपूर्ण साबित हो सकता है, क्योंकि इससे उनकी बैलेंस शीट पर दबाव बढ़ेगा और कर्ज वसूली की प्रक्रिया जटिल हो सकती है. बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि यह वृद्धि बढ़ती कर्ज की भूख, आसान क्रेडिट उपलब्धता और वित्तीय अनुशासन की कमी के कारण हो रही है. यदि यह स्थिति यूं ही बनी रही तो बैंकों को जोखिम के मद्देनज़र अपनी क्रेडिट पॉलिसी पर पुनर्विचार करना पड़ सकता है.