पैशन ढूंढो, ना कहना सीखो; जानिए वॉरेन बफे की 5 गोल्डन टिप्स

वॉरेन बफे की जिंदगी से जुड़ी 5 अहम सीखें भारतीय युवाओं को जल्दी जीवन में समझनी चाहिए. इनमें शामिल हैं अपने पैशन की खोज, मजबूत रिश्ते बनाना, ना कहना सीखना, सादा जीवन अपनाना और दूसरों की मदद करना. ये सभी आदतें मिलकर जीवन की मजबूत नींव बनाती हैं.

वॉरेन बफेट Image Credit:

Warren Buffett: क्या आपने कभी किसी बिल्डिंग को जमीन से बनते हुए देखा है? मैं खुद पिछले दो सालों से अपनी खिड़की से एक बिल्डिंग बनते देख रहा था. एक साल तक सिर्फ खुदाई ही होती रही, दिन-रात की आवाज से परेशान हो गया था. लेकिन अचानक एक दिन खुदाई रुकी और अगले कुछ महीनों में एक 25 मंजिला इमारत खड़ी हो गई. सबसे ज्यादा समय उसकी नींव यानी फाउंडेशन में गया, क्योंकि वही सबसे जरूरी हिस्सा होता है. ठीक ऐसा ही वॉरेन बफे ने अपनी जिंदगी की नींव बहुत पहले ही तैयार कर ली थी. उन्होंने 11 साल की उम्र में पहला स्टॉक खरीदा और 30 की उम्र से पहले अपनी पहचान बना ली. उनके फाउंडेशन में जो चीजें शामिल थीं, वो आज के भारतीय युवाओं को भी बहुत कुछ सिखा सकती हैं. आइए जानते हैं वॉरेन बफे की शुरुआती जिंदगी से 5 ऐसी सीखें, जो आपकी लाइफ को बेहतर बना सकती हैं.

जल्दी अपनी पसंद ढूंढो

वॉरेन बफे को बहुत जल्दी ये समझ आ गया था कि उन्हें नंबर्स और बिजनेस में मजा आता है. 11 साल की उम्र में शेयर खरीदा और 20 की उम्र तक बिजनेस रिपोर्ट को कहानियों की तरह पढ़ते थे. बफे कहते हैं, “आपकी सबसे अहम इनवेस्टमेंट खुद में होती है.” भारत में जहां युवाओं को सेफ करियर की तरफ धकेला जाता है, वहां अपना पैशन ढूंढना सबसे बड़ी जीत हो सकती.

अच्छे रिश्ते बनाओ

वॉरेन बफे अकेले सफल नहीं हुए. उन्होंने ऐसे लोगों से रिश्ता जोड़ा जो उन्हें बेहतर बनाते थे. उन्होंने 22 की उम्र में शादी की और उनके मेंटर रहे बेंजामिन ग्राहम. उनका दोस्त चार्ली मंगर उनके साथ 65 साल तक रहे. बफे कहते हैं, “हमेशा उनसे मिलो जो तुमसे बेहतर हों. उनके जैसा बनने की कोशिश अपने आप शुरू हो जाएगी.” भारत में जहां परिवार और रिश्ते अहम माने जाते हैं, वहीं कुछ मजबूत और सच्चे रिश्ते आपकी जिंदगी को आसान बना सकते हैं.

ना कहना सीखो

30 की उम्र तक बफे ने हर distraction को न कहना सीख लिया था. चाहे वो पार्टी हो या कोई शॉर्टकट बिजनेस आइडिया.
बफे कहते हैं, “सफल लोग बहुत सी चीजों को ना कहते हैं.” भारत में जहां हर वक्त किसी ना किसी चीज में खींचा जाता है — फैमिली फंक्शन, सोशल मीडिया या वर्क कॉल, वहां ‘ना’ कहना बहुत जरूरी है. वे कहते हैं कि अपनी प्रायोरिटी तय करो सेहत, परिवार, समय. जो उसमें फिट न बैठे, उसे शांति से मना कर दो. जैसे कहो, “मैं आना चाहता हूं, लेकिन आज कुछ और जरूरी है.”

सिंपल लाइफ जियो

बफे के पास अरबों रुपये हैं, लेकिन वो आज भी साधारण जिंदगी जीते हैं. उनका फोकस हमेशा सेविंग और समझदारी से खर्च करने पर रहा. वो कहते हैं, “खर्च करने के बाद जो बचता है, उसे सेव मत करो. पहले सेव करो, फिर खर्च करो.” भारत में जहां हर त्योहार या शादी में खर्च का मुकाबला चलता है, वहां सादगी अपनाना सुकून ला सकता है.

देना सीखो

बचपन से ही बफे ने दूसरों की मदद करना शुरू कर दिया था. फिर चाहे वो सलाह हो या पैसा. उनका मानना है, “अगर आप उस 1 फीसदी लोगों में हो जिन्हें बहुत कुछ मिला है, तो बाकी 99 फीसदी के बारे में भी सोचना चाहिए.” भारत में जहां पड़ोसी बारिश में मदद करते हैं, वहां दूसरों को छोटा सा सहारा देना भी बहुत मायने रखता है.

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