सिर्फ सीनियर सिटीजन के लिए है इंश्योरेंस प्रीमियम पर 10 फीसदी का कैप, IRDAI ने कही ये बात
Insurance Premium Cap: मौजूदा प्रोडक्ट पोर्टफोलियो में अभी भी साल-दर-साल 10 फीसदी से अधिक प्रीमियम में उछाल देखने को मिल सकता है. आमतौर पर हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी की कीमत हर दो-तीन साल में तय की जाती है.
Insurance Premium Cap: भारतीय बीमा रेगुलेटरी और डेवपलमेंट अथॉरिटी (IRDAI) ने सीनियर सिटीजन को कवर करने वाली हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसियों के लिए प्रीमियम में बढ़ोतरी पर बड़ी जानकारी दी है. बीमा अथॉरिटी ने साफ किया है कि सीनियर सिटीजन को कवर करने वाली स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों के लिए, प्रीमियम बढ़ोतरी पर लगने वाला 10 फीसदी सालाना कैप नई या रीप्राइज्ड प्रोडक्ट पर लागू होगी. यह कैप इस साल के 31 जनवरी के बाद अप्लाई किए प्रोडक्ट्स पर लगेगा. ईटी ने इस मामले की जानकारी रखने वाले लोगों के हवाले से लिखा कि यह सफाई बीमा कंपनियों की ओर से नए नियम के लागू करने के लिए मांगे गए गाइडेंस के सवालों को देखते हुए आई है.
कितनी बढ़ोतरी हो सकती है?
हालांकि, डेडलाइन से पहले अप्लाई किए प्रोडक्ट्स कैप के तहत कवर नहीं हैं. ये क्लेम के अनुभव के आधार पर अभी भी रिन्यूअल प्रीमियम में 10 फीसदी से अधिक की वृद्धि हो सकती है और 60 फीसदी तक भी जा सकती है. आमतौर पर हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी की कीमत हर दो-तीन साल में तय की जाती है.
एक बीमा कंपनी के अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि मौजूदा प्रोडक्ट पोर्टफोलियो में अभी भी साल-दर-साल 10 फीसदी से अधिक प्रीमियम में उछाल देखने को मिल सकता है, अगर यह रिवैल्यूएशन के लिए नहीं आ रहा. हालांकि IRDAI ने स्पष्ट करने के लिए कोई औपचारिक नोटिफिकेशन नहीं जारी किया है.
आसान भाषा में समझें
लेकिन बीमा कंपनियां इसे ऐसे समझ रही हैं कि 10 फीसदी का कैप तभी लागू होता है, जब किसी प्रोडक्ट का रिवैल्यूएशन किया जाता है. उदाहरण के लिए, अगर किसी पॉलिसी का अंतिम रिवैल्यूएशन जनवरी 2025 में किया गया था, तो अगला बदलाव 2028 में इसके अगले सायकिल के दौरान ही कैप के तहत आएगा.
अस्पतालों के साथ प्राइसिंग एग्रीमेंट
प्रीमियम बढ़ोतरी कैप के अलावा, IRDAI ने बीमा कंपनियों को अस्पतालों के साथ प्राइसिंग निर्धारण समझौतों को स्टैंडर्डाइज्ड करने का निर्देश दिया है. साथ ही प्राइस बढ़ाने को उचित ठहराने के लिए पुराने प्रोडक्ट्स की कॉस्मेटिक रीपैकेजिंग पर रोक लगा दी है. नियामक ने प्रोडक्ट बंद करने के लिए पूर्व विनियामक अनुमोदन की आवश्यकता वाला एक नियम भी पेश किया है, जो पॉलिसीधारकों खास तौर से सीनियर सिटीजन को लॉन्ग टर्म कवर तक एक्सेस गंवाने से बचाता है. एक अन्य कार्यकारी ने कहा कि बीमाकर्ता औपचारिक स्पष्टीकरण की मांग कर रहे हैं.
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