Sovereign Gold Bond क्यों हुआ बंद? | क्या है SGB की पूरी कहानी? | सरकार पर कितनी बड़ी है देनदारी?

सरकार द्वारा नए Sovereign Gold Bonds (SGBs) की बिक्री रोकने के फैसले ने निवेशकों के बीच कई सवाल खड़े कर दिए हैं. निवेशकों की भारी दिलचस्पी के बावजूद यह स्कीम सरकार के लिए आर्थिक रूप से भारी पड़ने लगी. असल वजह है, तेजी से बढ़ती सोने की कीमतें. जब SGB की शुरुआत हुई थी, तब सोना काफी सस्ता था, लेकिन पिछले वर्षों में कीमतों में जबरदस्त उछाल आया, जिससे सरकार की देनदारी बढ़कर करीब 1.2 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गई.

सरकार को परिपक्वता पर निवेशकों को बाजार भाव के अनुसार भुगतान करना पड़ता है, और कीमतों की तेजी ने यह स्कीम उम्मीद से ज्यादा महंगी बना दी. कई लोग पूछते हैं कि क्या सरकार इतना सोना वाकई भौतिक रूप में स्टोर करती है- जवाब है, नहीं. यह एक वित्तीय साधन है, न कि फिजिकल गोल्ड का बैकअप. क्या SGB वापस आएगा? संभव है, लेकिन एक नए मॉडल या संशोधित ढांचे के साथ.