Suzlon की वापसी से बाजार में होगा धमाल?
सुजलॉन पिछले कुछ समय से भारी कर्ज, कॉर्पोरेट गवर्नेंस संबंधी समस्याओं और घटती हुई महत्ता से जूझ रही थी. हालांकि, इसने ऐसी रिकवरी की है जिसकी उम्मीद शायद ही किसी ने की होगी. कभी भारत की सबसे संकटग्रस्त रिन्यूएबल एनर्जी कंपनियों में से एक रही यह कंपनी अच्छा मुनाफा कमा रही है और अपने लंबे समय से चले आ रहे कर्ज को खत्म कर रही है. यह एक मजबूत ऑर्डर बुक बना रही है, जो निवेशकों और उद्योग जगत के जानकारों को समान रूप से आकर्षित कर रहा है.
मार्च तिमाही में सुजलॉन एनर्जी की शुद्ध बिक्री पिछले साल की समान तिमाही से 73.2% बढ़कर ₹3,773.5 करोड़ हो गई. पूरे साल के लिए, सुजलॉन एनर्जी का रेवेन्यू 67% बढ़कर ₹10,851 करोड़ हो गया. कंपनी की ब्याज, टैक्स, मूल्यह्रास और परिशोधन से पहले की आय (EBITDA) पिछले साल की तुलना में लगभग दोगुनी हो गई, जो पिछले साल के ₹340 करोड़ से 99% बढ़कर ₹677 करोड़ हो गई.
कंपनी के लिए EBITDA मार्जिन पिछले साल की समान तिमाही के 15.62% से 200 बेसिस प्वाइंट से अधिक बढ़कर 17.94% हो गया. कंपनी का शुद्ध लाभ पिछले साल के ₹254 करोड़ से बढ़कर ₹1,182 करोड़ हो गया. कंपनी के शुद्ध लाभ को ₹600 करोड़ के आस्थगित कर परिसंपत्ति लाभ से बढ़ावा मिला.