यूज्ड EV खरीदने से पहले जान लें ये जरूरी बातें, फायदे के साथ नुकसान भी है

यूज्ड इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) खरीदने से पहले उसकी बैटरी हेल्थ, सर्विस हिस्ट्री और चार्जिंग कंडीशन की पूरी जांच जरूरी है. नई EV की तुलना में सेकंड हैंड EV सस्ती होती है और चलाने की लागत भी कम होती है, लेकिन बैटरी रिप्लेसमेंट या स्पेयर पार्ट्स की दिक्कत बड़ा जोखिम बन सकती है.

ईवी मोटरसाइकिल Image Credit: money9live.com

Used EV: देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EV) की मांग लगातार बढ़ रही है. नई गाड़ियों की कीमत अधिक होने के कारण अब बहुत से लोग सेकंड हैंड या यूज्ड EV खरीदने की ओर रुख कर रहे हैं. लेकिन यूज्ड EV खरीदना पेट्रोल या डीजल गाड़ियों जितना सीधा नहीं होता. इसमें कुछ जोखिम हैं, तो कुछ फायदे भी. अगर सही जानकारी के साथ खरीदारी की जाए तो ये सौदा फायदेमंद साबित हो सकता है.

क्या हैं फायदे

यूज्ड EV का सबसे बड़ा फायदा इसकी कम कीमत है. नई EV की तुलना में सेकंड हैंड गाड़ी 30 से 50 फीसदी तक सस्ती मिल सकती है. इसके अलावा EV का मेंटेनेंस कॉस्ट बहुत कम होता है क्योंकि इसमें इंजन, गियरबॉक्स जैसे चलने वाले पार्ट्स नहीं होते. पेट्रोल-डीजल की तुलना में EV की चलाने की लागत भी काफी कम है, जिससे हर महीने अच्छी खासी बचत होती है.

क्या हैं रिस्क

EV खरीदते समय सबसे बड़ा रिस्क होता है बैटरी की कंडीशन. EV की बैटरी सबसे महंगा कंपोनेंट होता है, और इसकी लाइफ सीमित होती है (आमतौर पर 6-8 साल). यूज्ड EV में बैटरी की स्थिति खराब हुई तो उसे बदलवाना महंगा पड़ सकता है. साथ ही कई बार सर्विस सेंटर या स्पेयर पार्ट्स की उपलब्धता भी समस्या बन जाती है, खासकर कम पॉपुलर ब्रांड्स के मॉडल्स में.

यह भी पढ़ें: पुरानी गाड़‍ियों पर दिल्ली सरकार की बड़ी कार्रवाई, 1 जुलाई से शुरू होगा स्क्रैपिंग ड्राइव, CNG मालिकों को राहत

क्या सावधानियां बरतें

अगर आप ये सावधानियां बरतते हैं तो आपको काफी फायदा हो सकता है. इससे न केवल पैसों की बचत होगी, बल्कि यह पर्यावरण के लिए भी लाभकारी साबित होगा.