GST Reform : GST पर इस दांव से बदल जाएगी देश की तकदीर? सबसे बड़ा एनालिसिस!
इस 15 अगस्त को भारत के 79वें स्वतंत्रता दिवस पर, केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने घोषणा की कि वह मौजूदा वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था को आसान और युक्तिसंगत बनाने की योजना बना रहा है. केंद्र ने कहा कि उसके प्रस्तावित सुधारों का उद्देश्य कर संरचना को दो स्लैबों में विभाजित करना है: ‘मानक’ और ‘योग्यता’, और विशेष दरें केवल कुछ चुनिंदा वस्तुओं पर लागू होंगी.
इस मामले से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ऑटो लोन के लिए जोखिम भार कम करने पर विचार कर रहा है और इसके लिए एक आंतरिक अध्ययन शुरू कर दिया है. वर्तमान में, भले ही ऑटो लोन सुरक्षित ऋण के अंतर्गत आते हैं, लेकिन इन लोन के लिए लागू जोखिम भार 100% है, जबकि होम लोन के लिए यह ऋण-से-मूल्य अनुपात के आधार पर 35% से 50% के बीच है.
सरकार जीएसटी में बड़े बदलाव की तैयारी कर रही है जिससे कई जरूरी और उपभोक्ता वस्तुओं की कीमतें कम हो सकती हैं. वित्त मंत्रालय छह महीने से ज़्यादा समय से इस नए ढांचे पर काम कर रहा है, और अधिकारियों का कहना है कि अगर जीएसटी परिषद इसे मंजूरी दे देती है, तो संशोधित दरें दिवाली से ठीक पहले सितंबर या अक्टूबर के आसपास लागू हो सकती हैं.