भारत का बड़ा उलटफेर, चीन पर हैरान करने वाला फैसला लेगी सरकार!
उच्चस्तरीय समिति ने सरकार के सामने दो विकल्प रखे हैं, ताकि भारत में चीन के निवेश को फिर से हरी झंडी दी जा सके, और चीन से भारत में निवेश का रास्ता दोबारा खोला जा सके. इसके लिए समिति ने चीन से निवेश पर लगी पाबंदियों को पूरी तरह हटाने या चरणबद्ध तरीके से ढील देने की सिफारिश की है, ताकि निवेशकों को भरोसा मिले और धीरे-धीरे मार्केट में सुधार आए. अब इस मामले को (DPIIT) को सौंपा गया है, जो इस पर आगे की सिफारिश करेगा और नीति बनाने में अहम भूमिका निभाएगा.
विशेषज्ञों के मुताबिक, अगर चीन से निवेश पर पाबंदियां पूरी तरह हटा दी जाती हैं, तो विदेशी डायरेक्ट इनवेस्टमेंट में बढ़ोतरी होगी, नई कंपनियां भारत में कारोबार शुरू करेंगी, और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे. वहीं, चरणबद्ध ढील देने की स्थिति में धीरे-धीरे निवेशकों का भरोसा बनेगा, साथ ही घरेलू उद्योगों को चीनी प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार होने का समय मिलेगा. इस निर्णय का असर देश की इकोनॉमी, विदेशी निवेश, और औद्योगिक विकास पर सीधे तौर पर देखने को मिलेगा, जिससे भारत का ग्लोबल मार्केट में रोल और मजबूत होगा.