इसलिए चिढ़ता है पाकिस्तान, जम्मू कश्मीर में 5 साल में 3 गुना बढ़ गई कंपनियों की संख्या
Jammu Kashmir में हालात सुधरने के साथ ही कंपनियों की संख्या में भी इजाफा हुआ है. 2019 में आर्टिकल 370 हटने के बाद से यहां नए कारोबारों की संख्या लगभग तीन गुना बढ़ गई है. हालांकि, नए रजिस्ट्रेशन में थोड़ी गिरावट आई है.
Jammu Kashmir: जम्मू कश्मीर में धीरे-धीरे हालात सुधर रहे थे, इसका एक संकेत ये भी है यहां कंपनियों की संख्या में इजाफा हुआ है. पिछले पांच सालों में जम्मू-कश्मीर में बहुत सारी कंपनियों ने अपना बिजनेस शुरू किया है. 5 साल पहले यानी 2019 में राज्य का विशेष दर्जा यानी आर्टिकल 370 को रद्द कर दिया गया था. आंकड़ों पर नजर डालेंगे तो पता चलेगा कि यहां नए कारोबारों की संख्या करीब तीन गुना बढ़ गई है. सरकार के आंकड़ों के अनुसार, मार्च 2025 तक जम्मू-कश्मीर में 8,168 कंपनियां ऑपरेशनल हैं. मार्च 2020 में ये संख्या सिर्फ 3,293 थी.
नंबर 2 पर है जम्मू-कश्मीर
लेकिन फिर पहलगाम में आतंकी हमला हो गया जिससे भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ने लग गया और इसका असर निवेशकों के भरोसे पर पड़ सकता है. बता दें कि अभी भी जम्मू-कश्मीर भारत के पहाड़ी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में, उत्तराखंड के बाद सबसे ज्यादा सक्रिय कंपनियों वाला इलाका है. उत्तराखंड में फिलहाल 12,946 कंपनियां हैं.
जम्मू कश्मीर में कंपनियों की संख्या
साल (मार्च) | जम्मू-कश्मीर में सक्रिय कंपनियों की संख्या |
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मार्च 2019 | 3,034 कंपनियां |
मार्च 2020 | 3,293 कंपनियां |
मार्च 2021 | 4,093 कंपनियां |
मार्च 2022 | 4,866 कंपनियां |
मार्च 2023 | 5,444 कंपनियां |
मार्च 2024 | 6,828 कंपनियां |
मार्च 2025 | 8,168 कंपनियां |
संख्या बढ़ी लेकिन नए रजिस्ट्रेशन में गिरावट
हालांकि, एक बात और देखने को मिली है कि नए रजिस्ट्रेशन की संख्या 2023-24 में थोड़ी कम हुई जो 1,380 कंपनियां रजिस्टर हुई, जो पिछले साल 1,433 और उससे पहले 1,756 थी.
सरकार सक्रिय कंपनियों की गिनती ऐसे बिजनेस को गिनकर करती है जो चालू हैं, और जिनका नाम बंद, दिवालिया या रजिस्ट्रेशन से हटाया नहीं गया है. जम्मू-कश्मीर में निवेश को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कई स्कीमें भी चलाई हैं, जैसे कैपिटल इंवेस्टमेंट की मदद, वर्किंग कैपिटल, लोन पर ब्याज में छूट, और जीएसटी से जुड़ी सब्सिडी.