NSE के IPO पर बड़ा अपडेट, इसी वित्त वर्ष मार्केट में उतरने की तैयारी में एक्सचेंज, जानें- कब आ सकता है इश्यू

NSE IPO Date Update: एक्सचेंज 2016 से ही अपने शेयरों को बाजार में लिस्ट करने की कोशिश में जुटा है, लेकिन अब तक उसे सफलता नहीं मिली है. क्सचेंज ने कानूनी विवाद को निपटाने के लिए बाजार नियामक को लगभग 1,400 करोड़ रुपये के भुगतान करने की पेशकश की है.

एनएसई के आईपीओ पर बड़ा अपडेट. Image Credit: Getty image

NSE IPO Date Update: नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के इनिशियल पब्लिक ऑफर (IPO) का इंतजार लंबे समय से हो रहा है. हाल के दिनों में इसके IPO को लेकर ताबड़तोड़ कई कई अपडेट्स भी आए हैं. अब खबर आ रही है कि NSE का IPO चालू वित्त वर्ष में भी बाजार में अपनी मौजूदगी दर्ज करा सकता है. खबर आ रही है कि चालू वित्त वर्ष की जनवरी-मार्च तिमाही के दौरान NSE का IPO आ सकता है. एक्सचेंज 2016 से ही अपने शेयरों को बाजार में लिस्ट करने की कोशिश में जुटा है, लेकिन अब तक उसे सफलता नहीं मिली है.

वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही में आए सकता है इश्यू

बिजनेस लाइन ने एक सूत्र के हवाले से लिखा कि एक बार जब एक्सचेंज को नियामक से एनओसी मिल जाएगा, तो वह ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) दाखिल करेगा. सेबी से हरी झंडी मिलने के बाद एक्सचेंज रोड शो करेगा. इसके बाद, चालू वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही में आईपीओ लॉन्च किए जाने की संभावना है.

क्यों फंसा है NSE का IPO?

सेबी से एनओसी मिलना NSE के सेटलमेंट आवेदन की स्वीकृति के अधीन है. रिपोर्ट्स के अनुसार, एक्सचेंज ने कानूनी विवाद को निपटाने के लिए बाजार नियामक को लगभग 1,400 करोड़ रुपये के भुगतान करने की पेशकश की है. एक बार समझौता स्वीकार हो जाने के बाद, सुप्रीम कोर्ट के सामने अपील वापस ले ली जाएगी.

सूत्रों ने कहा कि जुलाई में सेबी द्वारा इसकी आंतरिक समिति, एक उच्चस्तरीय सलाहकार समिति और पूर्णकालिक सदस्यों द्वारा औपचारिक रूप से समीक्षा करने और इसे स्वीकार करने के बाद समझौते को मंजूरी मिलने की उम्मीद है.

क्या है विवाद?

यह मामला को-लोकेशन मामले से जुड़ा है जिसमें आरोप लगाया गया था कि कुछ ब्रोकर्स ने तेजी से डेटा एक्सेस के लिए अपने सर्वर को एक्सचेंज के सर्वर के करीब रखकर एनएसई की सुविधा का फायदा उठाया और दूसरों पर अनुचित बढ़त हासिल की. ​​इसी तरह, सेबी ने आरोप लगाया कि एनएसई ने को-लोकेशन सुविधाओं के लिए तेज कनेक्टिविटी के लिए डार्क फाइबर के इस्तेमाल के जरिए कुछ ब्रोकर्स को एक्सेस देने में तरजीह दी.

समझौते के मिले हैं संकेत

सेबी के चेयरमैन तुहिन कांत पांडे ने पिछले सप्ताह कहा था कि नियामक NSE के साथ मिलकर IPO में बाधा डालने वाले मुद्दों को हल करने के लिए काम कर रहा है, जिसके बाद संभावित समझौते के संकेत मिले हैं. इस महीने की शुरुआत में एक्सचेंज की वार्षिक आय के बाद, सीईओ आशीष कुमार चौहान ने विश्लेषकों और निवेशकों को बताया कि नियामक ने लंबित कानूनी मामलों सहित समाधान की आवश्यकता वाले चार क्षेत्रों की पहचान की है. इस बीच ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, NSE में निवेशकों की दिलचस्पी मजबूत बनी हुई है.

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