131 दिन बाद किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने तोड़ा अनशन, आगे की तैयारियों को लेकर दिया बड़ा बयान
किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा कि देशभर के राज्यों से डल्लेवाल को बुलाने के लिए भारी दबाव था, इसलिए उन्होंने अनशन खत्म कर किसानों की लड़ाई का नेतृत्व करने का फैसला लिया. वहीं, डल्लेवाल ने कहा कि फसलों पर सी2+50फीसदी फार्मूले के अनुसार कानूनी एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पाने की लड़ाई जारी रहेगी. इसके लिए सभी लोगों को तैयार रहना होगा.
Kisan Andolan: किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने रविवार को फतेहगढ़ साहिब में हुई किसान महापंचायत के दौरान 131 दिन बाद अपना अनशन तोड़ दिया. हालांकि, शनिवार को ही इसके संकेत मिलने लगे थे जब डल्लेवाल के करीबी किसान नेताओं ने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान की अपील का स्वागत किया था. केंद्रीय कृषि मंत्री ने डल्लेवाल से अनशन खत्म करने और 4 मई को होने वाली अगली बैठक में किसानों का नेतृत्व करने की अपील की थी. केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान के बाद केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने भी डल्लेवाल से अनशन खत्म करने की अपील की थी.
डल्लेवाल ने 26 नवंबर 2024 को अनशन शुरू किया था. अनशन तोड़ते हुए, डल्लेवाल ने कहा कि मैं चाहता था कि जब तक हमारी सभी 12 मांगें पूरी न हो जाएं, तब तक अनशन जारी रखूं. लेकिन देशभर से किसान आंदोलन को राष्ट्रीय स्तर पर मजबूती देने के लिए मुझे अलग-अलग राज्यों में जाकर किसानों को जोड़ने की अपीलें लगातार मिल रही थीं. इन अपीलों को ध्यान में रखते हुए और ज्यादा से ज्यादा किसानों तक पहुंचने के मकसद से मैंने अनशन खत्म करने का फैसला किया है.
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आगे भी जारी रहेगी लड़ाई
द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, डल्लेवाल ने यह भी कहा कि फसलों पर सी2+50फीसदी फार्मूले के अनुसार कानूनी एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पाने की लड़ाई जारी रहेगी. इसके लिए सभी लोगों को तैयार रहना होगा और अगर जरूरत पड़ी तो सही समय पर एक बार फिर मोर्चा शुरू किया जाएगा. डल्लेवाल ने 4 मई को केंद्र सरकार के मंत्रियों के साथ प्रस्तावित बैठक में शामिल होने की घोषणा तो की, लेकिन साथ ही सवाल उठाया कि जिन सरकारों ने बात करने के बहाने बुलाकर किसान नेताओं को गिरफ्तार किया, उन पर कैसे भरोसा किया जाए. फिर भी, उन्होंने कहा कि चाहे दोबारा गिरफ्तारी हो, वे अगली बैठक में जरूर शामिल होंगे.
26 नवंबर को अनशन शुरू करने का किया था ऐलान
लगभग नौ महीने से बिना किसी ठोस जवाब के आंदोलन चल रहा था. इसी के चलते डल्लेवाल ने 26 नवंबर 2024 से खन्नौरी मोर्चे पर आमरण अनशन शुरू करने का ऐलान किया था. लेकिन अनशन शुरू होने से कुछ घंटे पहले ही पुलिस ने उन्हें उनके कमरे से उठाकर लुधियाना के एक अस्पताल में भर्ती करवा दिया. डल्लेवाल ने वहीं से अनशन शुरू किया, जबकि उनकी अनुपस्थिति में किसान नेता सुखजीत सिंह हरदोझंडे ने खन्नौरी में अनशन की कमान संभाली.
जब डल्लेवाल 29 नवंबर को अस्पताल से छुट्टी पाकर वापस आए, तो उन्होंने खन्नौरी मोर्चे पर फिर से अनशन शुरू कर दिया. 18 जनवरी 2025 को केंद्रीय कृषि मंत्रालय के संयुक्त सचिव खुद खन्नौरी पहुंचे और डल्लेवाल को 14 फरवरी को होने वाली बातचीत के लिए न्योता सौंपा. इस पर भरोसा जताते हुए डल्लेवाल ने मेडिकल मदद लेना शुरू कर दी, जिसे इससे पहले उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की अपील पर भी ठुकरा दिया था.
19 मार्च को मंत्रियों के साथ बैठक
जब 19 मार्च को डल्लेवाल अन्य किसान नेताओं के साथ केंद्र और पंजाब सरकार के मंत्रियों से बैठक के बाद लौट रहे थे, तो उन्हें रास्ते में हिरासत में लेकर जालंधर और फिर पटियाला के अस्पताल ले जाया गया. इस दौरान उन्होंने पानी पीना भी बंद कर दिया था और तभी पानी लिया जब तक सभी गिरफ्तार किसान नेताओं को जेलों से रिहा नहीं कर दिया गया. अनशन तोड़ते समय डल्लेवाल ने किसान महापंचायत में मौजूद बड़ी संख्या में किसानों से अगली बार मोर्चा शुरू करने के लिए हाथ उठवाकर सहमति ली.
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