ट्रैक्टर, डीजल सेट, केमिकल, ड्रिप सिंचाई सब हुए सस्ते, किसानों को GST कटौती का बड़ा फायदा, देखें नए रेट की लिस्ट
GST काउंसिल ने किसानों और आम परिवारों को बड़ी राहत दी है. काउंसिल ने 12 फीसदी और 28 फीसदी टैक्स स्लैब खत्म कर सिर्फ दो स्लैब लागू किए हैं. रोजमर्रा के प्रोडक्ट जैसे साबुन, टूथपेस्ट, नमकीन, चॉकलेट और कॉफी पर टैक्स 5 फीसदी कर दिया गया है. किसानों को भी सीधा फायदा मिलेगा क्योंकि ट्रैक्टर और कम्पोस्टिंग मशीन जैसी कृषि-संबंधी वस्तुओं पर अब 12 फीसदी की बजाय 5 फीसदी GST लगेगा.
GST Council Farmers Relief: GST काउंसिल ने बुधवार को देशवासियों को बड़ा तोहफा दिया है. काउंसिल ने 12 फीसदी और 28 फीसदी का टैक्स स्लैब खत्म करते हुए अब सिर्फ दो स्लैब कर दिए हैं. कई जरूरी सामान पर टैक्स रेट कम कर दिया गया है, वहीं कुछ लग्जरी सामानों पर टैक्स बढ़ा दिया गया है. रेट में कटौती का उद्देश्य आम परिवारों को राहत देना है. साबुन, टूथपेस्ट, नमकीन, चॉकलेट और कॉफी जैसे रोजमर्रा के प्रोडक्ट पर GST रेट 12 प्रतिशत या 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है. GST रेट कट का सबसे ज्यादा फायदा किसानों को भी मिलने वाला है.
ट्रैक्टर और कम्पोस्टिंग मशीनों सहित कई कृषि-संबंधी वस्तुओं पर अब 12 प्रतिशत की बजाय 5 प्रतिशत GST लगेगा. तो चलिए आपको बताते हैं कि कौन-कौन से एग्रीकल्चर सामान पर GST रेट कम कर दिया गया है.
कृषि प्रोडक्टों पर जीएसटी रेट में परिवर्तन
क्रम संख्या | वस्तु | पुरानी जीएसटी रेट | नई जीएसटी रेट |
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1. | 15HP तक के डीजल इंजन | 12 फीसदी | 5 फीसदी |
2. | हैंडपंप | 12 फीसदी | 5 फीसदी |
3. | ड्रिप सिंचाई और स्प्रिंकलर के लिए नोजल | 12 फीसदी | 5 फीसदी |
4. | ड्रिप सिंचाई सिस्टम और स्प्रेयर | 12 फीसदी | 5 फीसदी |
5. | मिट्टी तैयार करने की मशीनरी, रोलर्स और पुर्जे | 12 फीसदी | 5 फीसदी |
6. | कटाई और थ्रेसिंग मशीनें, पुआल बेलर, घास काटने की मशीनें और उनके पुर्जे | 12 फीसदी | 5 फीसदी |
7. | मुर्गी पालन या मधुमक्खी पालन मशीनें, इनक्यूबेटर, ब्रूडर और पुर्जे | 12 फीसदी | 5 फीसदी |
8. | कम्पोस्टिंग मशीनें | 12 फीसदी | 5 फीसदी |
9. | ट्रैक्टर (1800 सीसी से अधिक क्षमता वाले सड़क ट्रैक्टरों को छोड़कर) | 12 फीसदी | 5 फीसदी |
10. | खेती के लिए ऑटोमेटिक-लोडिंग/अनलोडिंग ट्रेलर | 12 फीसदी | 5 फीसदी |
11. | हाथ से खींची जाने वाली या जानवरों द्वारा खींची जाने वाली गाड़ियां | 12 फीसदी | 5 फीसदी |
ट्रैक्टर और उसके पार्ट पर जीएसटी रेट में परिवर्तन
क्रम संख्या | वस्तु | पुरानी जीएसटी रेट | नई जीएसटी रेट |
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1. | ट्रैक्टर के टायर और ट्यूब | 18 फीसदी | 5 फीसदी |
2. | ट्रैक्टर के पिछले पहिये | 18 फीसदी | 5 फीसदी |
3. | ट्रैक्टरों के लिए कृषि डीजल इंजन (250 सीसी से अधिक) | 18 फीसदी | 5 फीसदी |
4. | ट्रैक्टरों के लिए हाइड्रोलिक पंप | 18 फीसदी | 5 फीसदी |
5. | ट्रैक्टर के मुख्य भाग: | 18 फीसदी | 5 फीसदी |
a) | व्हील रिम | 18 फीसदी | 5 फीसदी |
b) | सेंटर हाउसिंग | 18 फीसदी | 5 फीसदी |
c) | ट्रांसमिशन | 18 फीसदी | 5 फीसदी |
d) | फ्रंट एक्सल | 18 फीसदी | 5 फीसदी |
e) | बंपर | 18 फीसदी | 5 फीसदी |
f) | ब्रेक | 18 फीसदी | 5 फीसदी |
g) | गियरबॉक्स | 18 फीसदी | 5 फीसदी |
h) | ट्रांसएक्सल | 18 फीसदी | 5 फीसदी |
6. | ट्रैक्टर के अन्य पार्ट: | 18 फीसदी | 5 फीसदी |
a) | रेडिएटर | 18 फीसदी | 5 फीसदी |
b) | साइलेंसर | 18 फीसदी | 5 फीसदी |
c) | क्लच | 18 फीसदी | 5 फीसदी |
d) | स्टीयरिंग व्हील | 18 फीसदी | 5 फीसदी |
e) | फेंडर | 18 फीसदी | 5 फीसदी |
f) | हुड | 18 फीसदी | 5 फीसदी |
g) | ग्रिल | 18 फीसदी | 5 फीसदी |
h) | साइड पैनल | 18 फीसदी | 5 फीसदी |
i) | एक्सटेंशन प्लेट | 18 फीसदी | 5 फीसदी |
j) | ईंधन टैंक | 18 फीसदी | 5 फीसदी |
एग्रीकल्चर केमिकल पर जीएसटी रेट में परिवर्तन
क्रम संख्या | वस्तु | पुरानी जीएसटी रेट | नई जीएसटी रेट |
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1. | जिबरेलिक एसिड | 12 फीसदी | 5 फीसदी |
2. | जैव-कीटनाशक (बायो-पेस्टिसाइड्स), जिनमें शामिल हैं: | 12 फीसदी | 5 फीसदी |
a) | बैसिलस थुरिंगिएन्सिस (var. इजराइलेंसिस) | 12 फीसदी | 5 फीसदी |
b) | बैसिलस थुरिंगिएन्सिस (var. कुर्स्ताकी) | 12 फीसदी | 5 फीसदी |
c) | बैसिलस थुरिंगिएन्सिस (var. गैलेरिया) | 12 फीसदी | 5 फीसदी |
d) | बैसिलस स्पैरिकस | 12 फीसदी | 5 फीसदी |
e) | ट्राइकोडर्मा विराइड | 12 फीसदी | 5 फीसदी |
f) | ट्राइकोडर्मा हार्जियानम | 12 फीसदी | 5 फीसदी |
g) | स्यूडोमोनस फ्लोरेसेंस | 12 फीसदी | 5 फीसदी |
h) | ब्यूवेरिया बैसियाना | 12 फीसदी | 5 फीसदी |
i) | हेलिकोवर्पा आर्मिगेरा का एनपीवी (न्यूक्लियर पॉलीहेड्रोसिस वायरस) | 12 फीसदी | 5 फीसदी |
j) | स्पोडोप्टेरा लिटुरा का एनपीवी (न्यूक्लियर पॉलीहेड्रोसिस वायरस) | 12 फीसदी | 5 फीसदी |
k) | नीम आधारित कीटनाशक | 12 फीसदी | 5 फीसदी |
l) | सिम्बोपोगोन | 12 फीसदी | 5 फीसदी |
3. | सूक्ष्म पोषक तत्व (माइक्रोन्यूट्रिएंट्स): उर्वरक (नियंत्रण) आदेश, 1985 के अंतर्गत लिस्टेड पंजीकृत निर्माताओं द्वारा उत्पादित | 12 फीसदी | 5 फीसदी |
एग्रीकल्चर मशीनरी को पूरी छूट क्यों नहीं दी गई?
GST काउंसिल ने एग्रीकल्चर मशीनरी पर पूरी छूट न देने का फैसला किसानों को राहत देने के साथ-साथ घरेलू निर्माताओं को भी संरक्षण प्रदान करना है. अगर इन मशीनों को पूरी तरह टैक्स-फ्री कर दिया जाता, तो निर्माताओं को कच्चे माल पर चुकाए गए GST की वापसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) नहीं मिल पाती. इससे उनकी उत्पादन लागत बढ़ जाती.
बढ़ी हुई लागत का असर अंततः किसानों पर पड़ता, क्योंकि निर्माता इसका बोझ मशीनों की कीमतें बढ़ाकर किसानों पर ही डाल देते. इस तरह, पूरी छूट देने का उद्देश्य पूरी तरह विफल हो जाता. इसलिए, GST दर को केवल 5 फीसदी तक कम करके सरकार ने दोनों पक्षों, किसानों और निर्माताओं के हितों का ध्यान रखा है.
छोटे ट्रैक्टरों को पूरी छूट क्यों नहीं दी गई?
इसका मकसद स्थानीय उत्पादकों को निराश किए बिना किसानों का समर्थन करना है. यदि छोटे ट्रैक्टरों पर टैक्स शून्य रखा जाता है, तो निर्माता इनपुट पर ITC का दावा नहीं कर पाएंगे. इससे उनकी लागत बढ़ेगी और वह लागत अंततः किसानों पर ही पड़ेगी.
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लागत में आएगी कमी
GST काउंसिल ने अहम फैसला लेते हुए खाद, जैविक कीटनाशकों और कृषि उपकरणों पर लगने वाले टैक्स की रेट में कटौती की है. इस कदम का मुख्य उद्देश्य किसानों की आय में बढ़ोतरी करना है. गोदरेज एग्रोवेट के प्रमुख सुनील कटारिया ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह किसानों के लिए एक बड़ी राहत लेकर आया है. उन्होंने विशेष रूप से इस ओर ध्यान दिलाया कि यह फैसला ऐसे समय में आया है जब अनिश्चित मौसम के कारण देशभर में फसलों को भारी नुकसान हुआ है.
कटारिया ने आगे समझाया कि खेती की कुल लागत का लगभग 30-40 फीसदी हिस्सा इनपुट लागत (जैसे खाद, कीटनाशक) ही होता है. इन पर टैक्स कम होने से किसानों के लिए अच्छी गुणवत्ता वाले प्रोडक्ट खरीदना आसान होगा, जिससे उनकी फसल का उत्पादन और आमदनी दोनों बढ़ेगी.