छोटी कारों की घटती बिक्री ने Maruti Suzuki की बढ़ाई टेंशन, सरकार से मदद की गुहार लगाने लगी कंपनी

Maruti Suzuki: कभी भारतीय यात्री वाहन बाजार में छोटी कारों का दबदबा था. आज कुल पैसेंजर व्हीकल मार्केट में इस सेगमेंट की हिस्सेदारी घटकर 30 फीसदी से भी कम रह गई है. मारुति सुजुकी के ऑल्टो और एस-प्रेसो जैसे मॉडल की बिक्री घट गई है.

मारुति सुजुकी क्यों मांग रही सरकार से मदद. Image Credit: Getty image

Maruti Suzuki: देश की सबसे बड़ी कार मैन्युफैक्चरर कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया ने सोमवार को देश में छोटी कारों की बिक्री को बढ़ाने के लिए प्रोत्साहनों की मांग की. कंपनी का कहना है कि छोटी कारों के दाम अधिक होने की वजह से इस सेगमेंट में धीरे-धीरे गिरावट देखी जा रही है. कभी भारतीय यात्री वाहन बाजार में छोटी कारों का दबदबा था. आज कुल पैसेंजर व्हीकल मार्केट में इस सेगमेंट की हिस्सेदारी घटकर 30 फीसदी से भी कम रह गई है. पांच लाख रुपये से कम कीमत वाली एंट्री लेवल की कारें, जो वित्त वर्ष 2015-16 में लगभग 10 लाख यूनिट (9,34,538 यूनिट) हुआ करती थीं, 2024-25 में यह घटकर सिर्फ 25,402 यूनिट रह गई हैं.

ऑल्टो और एस-प्रेसो जैसे मॉडल की घटी सेल्स

मारुति सुजुकी के ऑल्टो और एस-प्रेसो जैसे मॉडल की बिक्री मई में घटकर 6,776 यूनिट रह गई, जबकि पिछले साल इसी महीने में यह 9,902 यूनिट रही थी. यहां तक ​​कि बलेनो, सेलेरियो, डिजायर, इग्निस, स्विफ्ट और वैगनआर सहित कॉम्पैक्ट कारों की बिक्री भी मई 2025 में घटकर 61,502 यूनिट रह गई, जो पिछले साल इसी महीने 68,206 यूनिट हुई थी.

क्यों बढ़ गई हैं कीमतें?

मारुति सुजुकी इंडिया के सीनियर एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (मार्केटिंग एंड सेल्स) पार्थो बनर्जी ने एक ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में कहा कि बढ़े हुए रेगुलेशन के साथ, छोटी कार मॉडलों की कीमतों में काफी वृद्धि हुई है, जिसका असर उन खरीदारों पर पड़ा है जो दोपहिया वाहनों से एंट्री लेवल की कारों तक जाना चाहते हैं.

उन्होंने कहा कि इसलिए कहीं न कहीं सरकार को यह समझना होगा कि अगर वे वाहन उद्योग को गति देना चाहते हैं, तो उन्हें यह समझने की जरूरत है कि समस्या कहां है और छोटी कारों की बिक्री का आकार कैसे बढ़ाया जाए. उन्होंने कहा कि कुछ प्रोत्साहनों की आवश्यकता है ताकि जो ग्राहक कार खरीदने में सक्षम नहीं है, वे आ सकें और दोपहिया वाहन से चार पहिया वाहन की ओर जा सकें.

छोटी कारों की घटती हिस्सेदारी

भारत के कुल पैसेंजर व्हीकल (PV) बाजार में छोटी कारों की हिस्सेदारी वित्त वर्ष 18 में 47.4% थी और वित्त वर्ष 19 में थोड़ी कम होकर 46% रह गई. वित्त वर्ष 20 में इसमें मामूली वृद्धि हुई और यह 46.5% हो गई, लेकिन तब से इसमें लगातार गिरावट आ रही है. वित्त वर्ष 21 में यह घटकर 45.6%, वित्त वर्ष 22 में 37.5%, वित्त वर्ष 23 में 34.4% और वित्त वर्ष 24 में 27.7% पर पहुंच गई. इसके अलावा, ऑटोमेकर ने बताया कि चीन द्वारा रेयर अर्थ मैग्नेट पर निर्यात प्रतिबंधों से उसका प्रोडक्शन तुरंत प्रभावित नहीं हुआ है.

पिछले वित्त वर्ष में देश के कुल वाहन निर्यात में कंपनी की हिस्सेदारी करीब 43 फीसदी थी. वित्त वर्ष 2024-25 में फ्रोंक्स, जिम्नी, बलेनो, स्विफ्ट और डिजायर सबसे ज्यादा निर्यात किए जाने वाले मॉडल थे, जबकि दक्षिण अफ्रीका, सऊदी अरब, चिली, जापान और मैक्सिको टॉप-5 मार्केट थे.

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