BH सीरीज नंबर प्लेट क्या है? फायदे, योग्यता और दस्तावेज की पूरी जानकारी; जानें कैसे करें अप्लाई

BH सीरीज नंबर प्लेट खास तौर पर उन लोगों के लिए है जिनकी नौकरी या पोस्टिंग कई राज्यों में बदलती रहती है. यह नंबर प्लेट पूरे भारत में मान्य होती है और बार-बार गाड़ी का रजिस्ट्रेशन बदलवाने की जरूरत नहीं होती. साथ ही, रोड टैक्स भी हर दो साल में चुकाना होता है, जिससे आर्थिक बोझ कम होता है. जानिए इसके लिए कौन-से दस्तावेज चाहिए और कैसे आवेदन करें.

क्या है BH सीरीज नंबर प्लेट, क्या है इसके फायदे? Image Credit: @Tv9

BH Series Number Plate: अगर आपकी नौकरी या पोस्टिंग अक्सर एक राज्य से दूसरे राज्य में होती रहती है, तो BH (भारत) सीरीज नंबर प्लेट आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प साबित हो सकती है. यह विशेष नंबर प्लेट पूरे देश में मान्य होती है, जिससे आपको बार-बार अपनी गाड़ी का रजिस्ट्रेशन बदलवाने की झंझट से बचाया जाता है. 2021 में सरकार ने इसे लागू किया था ताकि गाड़ियों के मालिकों की सुविधा बढ़ाई जा सके, खासकर उन लोगों के लिए जिसका काम या नौकरी राज्यों के बीच घूमती रहती है.

इस योजना का फायदा मुख्य रूप से केंद्रीय और राज्य सरकार के कर्मचारियों, रक्षा कर्मियों, बैंक कर्मचारियों और उन प्राइवेट कंपनियों के कर्मचारियों को मिलता है जिनके कार्यालय कम से कम चार राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों में फैले हुए हैं. BH सीरीज नंबर प्लेट से रोड टैक्स का भुगतान हर 15 साल में एक बार करने के बजाय हर दो साल में किया जाता है, जिससे वाहन मालिकों पर एक साथ भारी टैक्स का बोझ नहीं पड़ता. आइए इसकी जरूरत, अप्लाई करने की प्रक्रिया और फायदे समझते हैं.

क्या है BH सीरीज की जरूरत और इसका फायदा?

फिलहाल देश के नियमों के मुताबिक अगर कोई व्यक्ति एक राज्य में रजिस्टर्ड वाहन को किसी दूसरे राज्य में 12 महीने से ज्यादा समय तक चलाता है तो उसे नए राज्य में गाड़ी को दोबारा रजिस्टर करवाना पड़ता है. इससे समय और पैसा दोनों खर्च होता है. लेकिन BH सीरीज नंबर प्लेट ऐसी झंझटों से राहत देती है. यह पूरे भारत में वैध होती है और नए राज्य में ट्रांसफर के बाद रजिस्ट्रेशन बदलवाने की जरूरत नहीं होती.

कौन ले सकता है BH नंबर प्लेट?

किन दस्तावेजों की जरूरत होगी?

कैसे करें आवेदन?

गाड़ी खरीदते समय ही डीलर BH नंबर प्लेट के लिए आवेदन कर सकता है. डीलरशिप की ओर से Form 20 भरा जाता है और सभी जरूरी दस्तावेजों के साथ RTO में जमा किया जाता है. अधिकारी पात्रता की जांच करते हैं और फिर BH सीरीज नंबर प्लेट जारी की जाती है. इस प्रक्रिया के दौरान रजिस्ट्रेशन फीस और रोड टैक्स भी जमा करवाया जाता है.

रोड टैक्स में क्या है फर्क?

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