चलती कार के साइड मिरर पर क्यों जलती है लाल लाइट? ड्राइवरों को मिलते हैं ये अलर्ट; कभी न करें इग्नोर; जानें क्यों

कार के साइड मिरर पर जलने वाली लाल लाइट कोई साधारण चीज नहीं है. यह आपकी सुरक्षा के लिए बनाया गया एक खास फीचर है, जो ब्लाइंड स्पॉट मॉनिटरिंग सिस्टम का हिस्सा है. यह लाइट आपको बताती है कि आपके आसपास कोई गाड़ी है, ताकि आप सावधानी से ड्राइव करें.

चलती कार के साइड मिरर पर क्यों जलती है लाल लाइट? Image Credit: TV9 Hindi.com

Blind Spot on Car Mirror: आजकल आपने गौर किया होगा कि कई कारों के साइड मिरर पर एक लाल रंग की लाइट जलती या ब्लिंक करती नजर आती है. क्या आपने कभी सोचा कि यह लाइट आखिर क्यों जलती है और इसका क्या मतलब है? यह कोई सजावटी लाइट नहीं है, बल्कि यह आपकी सुरक्षा से जुड़ा एक खास फीचर है. आइए, आज हम इसे बहुत ही आसान और विस्तार में समझते हैं कि यह लाल लाइट क्या है, यह क्यों जलती है और यह हमारे लिए कैसे फायदेमंद है.

लाल लाइट का मतलब

कार के साइड मिरर पर जलने वाली लाल लाइट ज्यादातर ब्लाइंड स्पॉट मॉनिटरिंग सिस्टम का हिस्सा होती है. यह एक ऐसी तकनीक है जो ड्राइवर को सुरक्षित ड्राइविंग में मदद करती है. ब्लाइंड स्पॉट यानी वह जगह जहां ड्राइवर को गाड़ी के आसपास की चीजें आसानी से नजर नहीं आतीं. जैसे, जब आप गाड़ी चला रहे हों और कोई दूसरी गाड़ी आपके बगल में या पीछे हो, लेकिन साइड मिरर या रियरव्यू मिरर में दिखाई न दे. ऐसी स्थिति में यह लाल लाइट आपको सतर्क करती है ताकि आप सुरक्षित रहें और टक्कर से बच सकें.

यह सिस्टम कैसे काम करता है?

ब्लाइंड स्पॉट मॉनिटरिंग सिस्टम बहुत ही स्मार्ट तकनीक है. यह ऐसे काम करता है

  1. सेंसर का काम: कार के पिछले हिस्से, जैसे बम्पर में, छोटे-छोटे रडार सेंसर लगे होते हैं. ये सेंसर हमेशा गाड़ी के दोनों तरफ की सड़क को स्कैन करते रहते हैं. अगर कोई दूसरी गाड़ी आपके ब्लाइंड स्पॉट में आती है, तो ये सेंसर उसे तुरंत पकड़ लेते हैं.
  2. लाल लाइट का अलर्ट: जब सेंसर को ब्लाइंड स्पॉट में कोई गाड़ी दिखती है, तो उसी तरफ के साइड मिरर पर लाल, नारंगी या पीली लाइट जलने लगती है. यह लाइट ड्राइवर को बताती है कि उस तरफ कोई गाड़ी है, इसलिए सावधानी बरतें.
  3. आवाज या चेतावनी: अगर आप टर्न सिग्नल (इंडिकेटर) चालू करते हैं और उसी तरफ ब्लाइंड स्पॉट में गाड़ी है, तो सिस्टम और सतर्क हो जाता है. यह लाइट को तेजी से ब्लिंक कर सकता है या बीप-बीप की आवाज निकाल सकता है. इससे ड्राइवर को और ध्यान देने की चेतावनी मिलती है.
  4. ऑटोमैटिक मदद: कुछ आधुनिक कारों में यह सिस्टम और भी स्मार्ट होता है. अगर ड्राइवर चेतावनी को नजरअंदाज करता है और लेन बदलने की कोशिश करता है, तो सिस्टम खुद ब्रेक लगाकर या स्टीयरिंग को हल्का मोड़कर गाड़ी को सही लेन में रखने की कोशिश करता है.

लाल लाइट का दूसरा मतलब

कभी-कभी यह लाल लाइट ब्लाइंड स्पॉट सिस्टम के अलावा कुछ और भी हो सकती है. कुछ कारों में जब आप गाड़ी को लॉक करते हैं, तो साइड मिरर पर लाल लाइट ब्लिंक करने लगती है. यह दिखाती है कि गाड़ी का एंटी-थेफ्ट सिस्टम चालू है. कुछ लोग अपनी गाड़ी में अलग से लाइट्स लगवाते हैं, जो सजावट या सिग्नल के लिए हो सकती हैं. ऐसी लाइट्स भी लाल रंग की हो सकती हैं.

यह सिस्टम क्यों जरूरी है?

यह लाल लाइट और ब्लाइंड स्पॉट सिस्टम आपकी और दूसरों की सुरक्षा के लिए बहुत जरूरी है. सड़क पर दुर्घटनाएं अक्सर तब होती हैं, जब ड्राइवर को पीछे या बगल की गाड़ी नजर नहीं आती. यह सिस्टम आपको पहले से सतर्क करके ऐसी दुर्घटनाओं को रोकता है. खासकर हाईवे पर या तेज रफ्तार में यह बहुत काम आता है.

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