नहीं रहे स्लोगन के शिल्पकार पीयूष पांडे, जिनके विज्ञापन से प्रोडक्ट बने घर-घर के ब्रांड; अमर हो गए ये ऐड

पीयूष पांडे अब हमारे बीच नहीं रहे. 70 साल की उम्र में उनका निधन हो गया. उन्होंने अपने अनोखे और रचनात्मक विज्ञापनों से भारतीय लोगों के दिलों में खास जगह बनाई. उन्होंने फेविकोल, कैडबरी, एशियन पेंट्स जैसे ब्रांड्स के लिए यादगार विज्ञापन बनाए. साथ ही, राजनीति में भी उनका स्लोगन "अबकी बार, मोदी सरकार" बहुत मशहूर हुआ.

Piyush Pandey Image Credit: Money 9 Live

Piyush Pandey: 1990 का साल था. पोलियो नामक बीमारी अपने चरम पर थी. हर साल लगभग दो लाख से चार लाख मामले सामने आते थे. टीकाकरण पर जोर बढ़ाया गया और पोलियो अभियान शुरू किया गया. इस अभियान के प्रति लोगों को जागरूक करने की जिम्मेदारी विज्ञापन की दुनिया के दिग्गज पीयूष पांडे को सौंपी गई. पीयूष पांडे ने पल्स पोलियो के लिए अमिताभ बच्चन के साथ “दो बूंद जिंदगी की” स्लोगन बनाया. यह विज्ञापन इतना प्रभावशाली था कि इसने पोलियो के खिलाफ जागरूकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

वहीं पीयूष पांडे अब हमारे बीच नहीं रहे. 70 साल की उम्र में उनका निधन हो गया. उन्होंने अपने अनोखे और रचनात्मक विज्ञापनों से भारतीय लोगों के दिलों में खास जगह बनाई. उन्होंने फेविकोल, कैडबरी, एशियन पेंट्स जैसे ब्रांड्स के लिए यादगार विज्ञापन बनाए. साथ ही, राजनीति में भी उनका स्लोगन “अबकी बार, मोदी सरकार” बहुत मशहूर हुआ. पीयूष को बचपन से ही विज्ञापनों की दुनिया से लगाव था. वह और उनके भाई प्रसून के साथ रेडियो के लिए जिंगल्स गाया करते थे. इस तरह उनकी विज्ञापन की दुनिया में शुरुआत हुई.

विज्ञापन की दुनिया में कदम

पीयूष ने साल 1982 में 27 साल की उम्र में Ogilvy India नाम की कंपनी में काम शुरू किया. उस समय वह क्रिकेट खेलते थे, चाय का स्वाद चखने का काम करते थे. लेकिन विज्ञापनों में उनकी असली प्रतिभा सामने आई. उन्होंने 40 साल तक ओगिल्वी इंडिया के साथ काम किया और उसे दुनिया की सबसे सम्मानित विज्ञापन एजेंसियों में से एक बनाया. साल 2023 में उन्होंने ओगिल्वी इंडिया के चेयरमैन का पद छोड़कर सलाहकार की भूमिका निभाई.

उनके मशहूर विज्ञापन

पीयूष पांडे ने अपने विज्ञापनों में भारतीय संस्कृति, भावनाओं और रोजमर्रा की जिंदगी को जगह दी. उनकी भाषा इतनी सरल थी जो हर भारतीय के दिल को छूती थी. उन्होंने अंग्रेजी के भारी-भरकम विज्ञापनों को हटाकर हिंदी और आम बोलचाल की भाषा को अपनाया. यहीं कारण है कि उनके बनाए ऐड सीधा लोगों के दिलों में जगह बनाते है. आइए, उनके कुछ मशहूर विज्ञापनों पर नजर डालते है.

Fevicol

Fevicol बस ऐड

एक गांव की सड़क पर चलती भीड़ भरी बस, जिसमें लोग ऊपर-नीचे लटक रहे हैं, लेकिन गिरते नहीं, क्योंकि पीछे लिखा है. Fevicol– The Ultimate Adhesive

Fevicol अंडा ऐड

एक मुर्गी Fevicol के डिब्बे से खा रही है और ऐसा अंडा देती है जो टूटता ही नहीं. आदमी ऑमलेट बनाने की कोशिश करता है, पर बेकार!

FeviKwik फिशिंग ऐड

एक मछुआरा FeviKwik लगाकर लकड़ी की छड़ी से तुरंत मछली पकड़ लेता है, जबकि दूसरा आदमी सिर्फ देखता रह जाता है. ये ऐड्स मजेदार थे, देसी थे और सबको हंसा भी गए, पर साथ ही ये भी बता गए कि Fevicol का जोड़, टूटेगा नहीं.

Cadbury Dairy Milk- ‘कुछ खास है जिंदगी में’

इस ऐड में एक लड़की क्रिकेट मैदान पर भागकर आती है, खुशी से नाचती है क्योंकि उसके साथी ने जीत के रन बनाए हैं. ये ऐड उस समय के लिए बहुत नया था. एक लड़की का यूं मैदान पर आना, खुलकर खुशी मनाना, एक नया संदेश दे गया. इस ऐड ने दिखाया कि Cadbury सिर्फ बच्चों के लिए नहीं, बल्कि हर उम्र के लिए है. साल 2021 में इसका नया वर्जन भी आया, जिसमें लड़की की जगह लड़का था.

Pulse Polio- ‘दो बूंद जिंदगी के

ये सिर्फ एक ऐड नहीं था, बल्कि एक जन आंदोलन बना. अमिताभ बच्चन की आवाज में “दो बूंद ज़िंदगी के” का संदेश इतना असरदार था कि देश के कोने-कोने में लोग अपने बच्चों को पोलियो ड्रॉप्स पिलाने लगे. पियूष पांडे ने इस अभियान को भावनात्मक और समझने में आसान बनाया. नतीजा भारत पोलियो मुक्त बन गया.

Asian Paints– ‘हर घर कुछ कहता है’

घर को रंगना एक बोरिंग काम लगता था, लेकिन पियूष पांडे ने इसमें भावना डाल दी. उन्होंने दिखाया कि हर घर की अपनी कहानी होती है. हर दीवार, हर रंग कुछ कहता है. इस ऐड ने पेंट को सिर्फ एक प्रोडक्ट नहीं, बल्कि घर की यादों का हिस्सा बना दिया.

Vodafone (Hutch)– ‘You and I, in this Beautiful World’

इस ऐड में एक छोटा लड़का और उसका पग डॉग दिखाया गया था. कुत्ता हर जगह उस लड़के के साथ चलता है, जैसे कह रहा हो, जहां तुम, वहां मैं. ये Hutch का तरीका था बताने का कि उनका नेटवर्क भी हर जगह आपके साथ है. बाद में जब Vodafone आया, तो वही Hutch Dog देशभर में फेमस हो गया.

गुजरात और मध्य प्रदेश टूरिज्म

पीयूष ने गुजरात टूरिज्म के लिए अमिताभ बच्चन के साथ कुछ दिन तो गुजारिए गुजरात में और मध्य प्रदेश टूरिज्म के लिए हिंदुस्तान का दिल देखो जैसे स्लोगन बनाए. इनसे इन राज्यों की खूबसूरती को बढ़ावा मिला.

बीजेपी का 2014 कैंपेन

पीयूष ने साल 2014 के चुनावों में बीजेपी के लिए “अबकी बार, मोदी सरकार” और “अच्छे दिन आने वाले हैं” जैसे स्लोगन बनाए. ये स्लोगन इतने मशहूर हुए कि हर कोई इन्हें दोहराने लगा.

अन्य विज्ञापन

  • लूना मोपेड: “चल मेरी लूना” विज्ञापन ने इस मोपेड को घर-घर पहुंचाया.
  • बजाज ऑटो: “हमारा बजाज” विज्ञापन ने देशभक्ति की भावना जगाई.
  • पॉन्ड्स: “गूगली वूगली वूश” स्लोगन ने इस ब्रांड को मजेदार बनाया.
  • मिले सुर मेरा तुम्हारा: साल 1988 में पीयूष ने यह देशभक्ति गीत लिखा, जो आज भी याद किया जाता है.
  • गूगल रीयूनियन: यह एक भावुक विज्ञापन था, जिसमें बंटवारे के बाद दो दोस्त गूगल की मदद से मिलते हैं.

पीयूष पांडे का जाना विज्ञापन की दुनिया के लिए एक बड़ा नुकसान है. लेकिन उनके बनाए विज्ञापन और स्लोगन हमेशा हमारे बीच रहेंगे. उनकी कहानियां और उनका जादू हमेशा जिंदा रहेगा.

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