Forex Reserve: ऑल टाइम हाई के करीब पहुंचा भारत का विदेशी मुद्रा भंडार, एक सप्ताह में लगाई बड़ी छलांग
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार तेजी से बढ़कर एक फिर ऑल टाइम हाई के करीब पहुंच गया है. रिजर्व बैंक की तरफ से जारी डाटा के मुताबिक फॉरेक्स रिजर्व ऑल टाइम हाई रिकॉर्ड को तोड़ने से महज 3 अरब डॉलर दूर है. वहीं, पिछले एक सप्ताह में फॉरेक्स रिजर्व में 4 अरब डॉलर से ज्यादा का उछाल आया है.
रिजर्व बैंक की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक 17 अक्टूबर, 2025 को खत्म हुए सप्ताह में भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में 4 अरब डॉलर से ज्यादा का उछाल आया है. सालाना आधार पर देखें, तो विदेशी मुद्रा भंडार पिछले वर्ष की तुलना में 14 अरब ज्यादा है. पिछले वर्ष 18 अक्टूबर को रिपोर्ट किए गए वीकली डाटा के मुताबिक विदेशी मुद्रा भंडार करीब 688 अरब डॉलर था, जो इस साल 17 अक्टूबर को बढ़कर 702 अरब डॉलर तक पहुंच गया है.
ऑल टाइम हाई के करीब
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार पिछले वर्ष 27 सितंबर को 705 अरब डॉलर के ऑल टाइम हाई पर पहुंचा था. इसके बाद इसमें गिरावट का लंबा दौर चला और इस साल 17 जनवरी को गिरते हुए 624 अरब डॉलर के निचले स्तर तक पहुंच गया. हालांकि, इसके बाद रिजर्व बढ़ने का दौर शुरू हुआ और इस साल जून व सितंबर में 703 अरब डॉलर तक पहुंच गया. लेकिन, फिर गिरावट आई और अगस्त में 689 डॉलर तक गिर गया. बहरहाल, अब फिर से बढ़कर 702 अरब डॉलर तक पहुंच गया है.
विदेशी मुद्रा भंडार
RBI के ताजा आंकड़ों के मुताबिक भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 17 अक्टूबर, 2025 तक 702.28 अरब डॉलर तक पहुंच गया है. सप्ताह-दर-सप्ताह भंडार में 4.5 अरब डॉलर की वृद्धि हुई है.

FCA कितना बढ़ा?
विदेशी मुद्रा भंडार के सबसे बड़े हिस्से विदेशी मुद्रा संपत्ति (FCA) में सप्ताह-दर-सप्ताह 1.69 अरब की गिरावट देखी गई. है यह घटकर 570.41 अरब डॉलर तक पहुंच गया है. इसकी वजह डॉलर में आई मजबूती है. असल में FCA में यूरो, पाउंड और येन जैसी मुद्राएं होती हैं, जिनका आकलन डॉलर के संदर्भ में किया जाता है. जब डॉलर मजबूत होता है, तो इनका मूल्य घटता है, जिससे इसकी वैल्यू कम हो जाती है. वहीं, जब डॉलर इन मुद्राओं की तुलना में कमजोर होता है, तो FCA का मूल्य बढ़ जाता है.
गोल्ड रिजर्व में तगड़ा उछाल
रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक 17 अक्टूबर को खत्म हुए सप्ताह में फॉरेक्स रिजर्व के हिस्से के तौर पर रखे गए गोल्ड रिजर्व में 6.18 अरब डॉलर का इजाफा हुआ है. यह बढ़कर 108.55 अरब डॉलर हो गया गया है.
SDR और IMF रिजर्व की स्थिति
फॉरेक्स रिजर्व में शामिल SDRs में हल्की गिरावट हुई है. रिपोर्ट किए गए वीक में यह 3.8 करोड़ डॉलर घटकर 18.72 अरब डॉलर रहा. वहीं, IMF रिजर्व 3 करोड़ डॉलर घटकर 4.6 अरब डॉलर रहा.
साल-दर-साल प्रदर्शन और स्थिरता
साल-दर-साल भंडार में हुई वृद्धि मुख्य रूप से सोने और विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों के योगदान से हुई है. यह संकेत देता है कि भारत का विदेशी मुद्रा भंडार मजबूत और स्थिर है और आयात भुगतान दबाव या वैश्विक आर्थिक उतार-चढ़ाव को आसानी से सहन कर सकता है.
अर्थव्यवस्था पर असर
मजबूत विदेशी मुद्रा भंडार निवेशकों और कारोबारियों के लिए पॉजिटिव संकेत है. यह रुपये की स्थिरता बनाए रखने, आयात खर्च को मैनेज करने और वैश्विक आर्थिक उतार-चढ़ाव से निपटने में मदद करता है. RBI की रणनीति स्पष्ट करती है कि भारत आर्थिक रूप से सुरक्षित और आत्मनिर्भर बनने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है.
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