क्या है क्रिप्टो अपहरण? जिसका बढ़ रहा है खतरा, आप करते हैं निवेश तो हो जाएं सावधान
दुनियाभर में क्रिप्टो निवेशकों के अपहरण की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं. अमेरिका, फ्रांस, बेल्जियम और कनाडा जैसे देशों में अपराधी डिजिटल वॉलेट्स का एक्सेस पाने के लिए निवेशकों को निशाना बना रहे हैं. सोशल मीडिया पर संपत्ति का प्रदर्शन, डेटा लीक और ब्लॉकचेन की रिवर्स लेन-देन इस अपराध को और बढ़ावा दे रही है.
Crypto kidnappings: अगर आप क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करते हैं, तो आपको सतर्क रहने की जरूरत है. क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर चुके अमीरों के अपहरण की घटनाएं दुनियाभर में तेजी से बढ़ रही हैं. ऐसा ही एक मामला न्यूयॉर्क से सामने आया है. इन मामलों में पीड़ितों को यातना देकर उनके डिजिटल वॉलेट तक पहुंचने की कोशिश की जाती है. हाल के महीनों में अमेरिका, फ्रांस, बेल्जियम और कनाडा जैसे देशों में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिनमें अपहरणकर्ताओं ने क्रिप्टो टाइकून्स को निशाना बनाया है.
क्या है ‘क्रिप्टो अपहरण’?
क्रिप्टो अपहरण में अपराधी अमीर क्रिप्टो निवेशकों को अपहरण कर उनसे जबरदस्ती डिजिटल वॉलेट का एक्सेस मांगते हैं. पारंपरिक बैंक डकैती के उल्टा, इसमें पीड़ितों को यातनाएं दी जाती हैं ताकि वे अपने क्रिप्टो खातों का पासवर्ड बता दें. अल-जजीरा की एक रिपोर्ट के मुताबिक, हाल ही में न्यूयॉर्क में माइकल वेलेंटाइन कार्टुरन नामक एक क्रिप्टो निवेशक को 17 दिनों तक अपहरणकर्ताओं ने यातनाएं दीं.
उन्हें छत से लटकाया गया, बिजली के झटके दिए गए और कई तरीकों से डराया गया, ताकि वह अपने 28 मिलियन डॉलर के बिटकॉइन वॉलेट तक एक्सेस प्रदान कर दें. हालांकि, कार्टुरन भागने में सफल रहे और अपराधी गिरफ्तार कर लिए गए.
फ्रांस और यूरोप में बढ़ते मामले
फ्रांस में भी क्रिप्टो इंडस्ट्री से जुड़े लोगों के खिलाफ अपहरण की कई कोशिशें हुई हैं. 31 मई को पेरिस में क्रिप्टो कंपनी Pémiam के सीईओ की बेटी और पोते के अपहरण की कोशिश के बाद 26 लोगों पर मुकदमा चलाया गया. इसी तरह, जनवरी में Ledger कंपनी के सह-संस्थापक डेविड बैलैंड और उनकी पत्नी का अपहरण किया गया था.
अपराधियों ने बैलैंड की एक उंगली काटकर उसका वीडियो बनाकर कंपनी को भेजा. हालांकि, दो दिन बाद पुलिस ने उन्हें छुड़ा लिया. बेल्जियम में भी क्रिप्टो निवेशक स्टीफन विंकेल की पत्नी का अपहरण हुआ, जिसे पुलिस ने एक कार चेस के बाद बचा लिया.
क्यों बढ़ रहे हैं ऐसे मामले?
- आसान लूट: क्रिप्टो वॉलेट्स को हैक करना या जबरदस्ती एक्सेस लेना बैंकों की तुलना में आसान होता है.
- रिवर्स लेन-देन असंभव: ब्लॉकचेन ट्रांजैक्शन को रिवर्स नहीं किया जा सकता, जिससे चोरी किया गया पैसा आसानी से ट्रेस नहीं होता.
- सोशल मीडिया की भूमिका: कई निवेशक अपनी संपत्ति का प्रदर्शन करते हैं, जिससे अपराधियों को उन्हें टारगेट करना आसान हो जाता है.
- डेटा लीक: एक्सचेंज प्लेटफॉर्म्स से डेटा लीक होने पर अपराधियों को सही टारगेट चुनने में मदद मिलती है.
अब क्रिप्टो अपहरण बीमा भी
इन घटनाओं के बीच बीमा कंपनियां अब ‘किडनैप एंड रैंसम’ (K&R) पॉलिसीज की पेशकश कर रही हैं. NBC की रिपोर्ट के अनुसार, कम से कम तीन कंपनियां क्रिप्टो निवेशकों के लिए विशेष बीमा योजनाएं लेकर आ रही हैं.
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सुरक्षा के उपाय
सुरक्षा विशेषज्ञों का सुझाव है कि क्रिप्टो निवेशकों को सोशल मीडिया पर अपनी संपत्ति का प्रदर्शन नहीं करना चाहिए. जियोटैग्ड फोटो और लग्जरी आइटम्स की तस्वीरें पोस्ट करने से बचना चाहिए. हर ट्रांजैक्शन के लिए नया वॉलेट एड्रेस इस्तेमाल करना चाहिए.
जैसे-जैसे क्रिप्टोकरेंसी की कीमत बढ़ रही है, यह अपराधियों के लिए एक आकर्षक टारगेट बनता जा रहा है. ऐसे में निवेशकों को सतर्क और जागरूक रहने की जरूरत है.