Easy Trip में बड़ा बदलाव: निशांत पिट्टी ने दिया अपने पद से इस्तीफा, भाई रिकांत पिट्टी बने नए CEO

Easy Trip में बड़ा बदलाव हो गया है. निशांत पिट्टी का इस्तीफा और रिकांत पिट्टी की नियुक्ति बताती है कि कंपनी अपने विकास और शेयरधारकों के हितों को बनाए रखने की दिशा में प्रतिबद्ध है. हालांकि, प्रमोटर होल्डिंग में गिरावट निवेशकों के लिए चिंताजनक हो सकती है.

Easy Trip के प्रमोटर निशांत पिट्टी ने सीईओ पद से इस्तीफा दिया Image Credit: Canva

Easy Trip के प्रमोटर में से एक, निशांत पिट्टी, ने 1 जनवरी से व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए कंपनी के सीईओ पद से इस्तीफा दे दिया है. उनकी जगह उनके भाई और कंपनी के सीएफओ, रिकांत पिट्टी, को तत्काल प्रभाव से नया सीईओ नियुक्त किया गया है.

हाल ही में, 31 दिसंबर को निशांत पिट्टी ने कंपनी के 78.32 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे. उन्होंने 4.99 करोड़ शेयर (कंपनी में 1.41% हिस्सेदारी) को बेचकर अपनी हिस्सेदारी घटाकर 12.8% कर दी है. इस बिक्री के बाद, प्रमोटर होल्डिंग भी 50.38% से घटकर 48.97% रह गई है.

सितंबर 2024 में, निशांत ने 24.65 करोड़ शेयर (कंपनी के कुल शेयर पूंजी का 14%) बेचे थे, जिसकी कुल कीमत 920 करोड़ रुपये थी.

Easy Trip के शेयर हाल

2024 में, ईजी ट्रिप प्लानर्स के शेयरों में 15.7% की गिरावट आई है, जबकि बीएसई सेंसेक्स इस दौरान 8.2% बढ़ा है. 1 जनवरी 2025 को भी इसके शेयर में गिरावट रही. लंबे समय से ये शेयर गिरावट का झेल रहा है.

नए सीईओ रिकांत पिट्टी का अनुभव

रिकांत पिट्टी कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, अंबाला से ग्रेजुएट हुए हैं और उनके पास 15 सालों का अनुभव है, जो ट्रैवल, टूरिज्म, एचआर और टेक्नोलॉजी से जुड़ा है. उन्होंने 2011 में ईजी ट्रिप के बोर्ड में शामिल होकर अपना योगदान देना शुरू किया था. उनका सालाना वेतन 96 लाख रुपये है.

रिकांत अन्य निजी कंपनियों जैसे ईजी बिल्डर्स, भूमि फैब्रिकेटर्स, स्प्री होटल्स, योलोबस, मनीलीडर फाइनेंस, ट्रैवलक्स ईएमटी, और वेहीड.कॉम में भी डायरेक्टर हैं.

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प्रमोटर परिवार का कंपनी के प्रति कमिटमेंट

सितंबर तिमाही में मैनेजिंग डायरेक्टर प्रशांत पिट्टी ने कहा था कि प्रमोटर परिवार कंपनी के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि, “इंटरनेट कंपनियों के अधिकांश फाउंडर्स के पास अपनी कंपनियों में केवल 2% से 10% हिस्सेदारी होती है, जबकि हमारी कंपनी में 50% से अधिक हिस्सेदारी है. हमने कुछ हिस्सेदारी जरूरत के कारण बेची, लेकिन हम कंपनी और उसके शेयरधारकों के हितों के लिए पूरी तरह समर्पित हैं.”