Lenskart: जिस लड़के के Idea पर हंसते थे लोग, आज हर लगी में चमकता है उसी का ब्रांड, ₹600 करोड़ का है नेट वर्थ – Money9live
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Lenskart: जिस लड़के के Idea पर हंसते थे लोग, आज हर लगी में चमकता है उसी का ब्रांड, ₹600 करोड़ का है नेट वर्थ
26 अप्रैल 1985 को दिल्ली में एक मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मे पीयूष बंसल ने कभी नहीं सोचा था कि एक दिन वो भारत की सबसे बड़ी eyewear कंपनी खड़ी कर देंगे. पिता बाल किशन बंसल और मां किरण बंसल ने उन्हें और उनके भाई-बहन को हमेशा मेहनत और सपनों का पीछा करना सिखाया. आज पीयूष की नेट वर्थ करीब 600 करोड़ रुपये है, लेकिन उनकी असली कमाई है लाखों लोगों की मुस्कान और साफ नजर.
कनाडा की मैकगिल यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की डिग्री ली, फिर माइक्रोसॉफ्ट में अमेरिका में लाखों का पैकेज मिला. सिर्फ एक साल काम किया और 2007 में सब कुछ छोड़कर भारत लौट आए. उस वक्त उनके पास कोई बिजनेस आइडिया नहीं था, सिर्फ 25 लाख रुपये और हिम्मत थी. ज्यादातर लोग कहते – “पागल हो गए हो?” पर पीयूष को पता था कि असली खेल भारत में है.
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2007 में SearchMyCampus.com शुरू किया – सफल रहा.फिर Flyrr.com (अमेरिका के लिए चश्मे), Watchkart, Bagskart, Jewelskart – चारों फेल हो गईं.2015 में तीन कंपनियां बंद कर दीं, करोड़ों का नुकसान हुआ.पर पीयूष ने हार नहीं मानी. उसी नुकसान ने उन्हें सिखाया कि “अगर डिलीवरी और ऑपरेशन अपने हाथ में नहीं तो बिजनेस नहीं चलता”. यही सीख Lenskart की नींव बनी.
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पीयूष ने सुमित कापती और अमित चौधरी के साथ मिलकर नवंबर 2010 में Lenskart शुरू किया. पहले सिर्फ कॉन्टैक्ट लेंस बेचते थे. लोग हंसते थे – “चश्मा ऑनलाइन कौन खरीदेगा?” आज 1500+ स्टोर, 5000+ फ्रेम्स, घर पर फ्री आई चेकअप, वर्चुअल ट्राय-ऑन – सब कुछ है. Lenskart आज भारत का सबसे बड़ा eyewear ब्रांड है और यूनिकॉर्न बन चुका है.
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पीयूष शार्क टैंक शो में भी दिख चुके हैं. पहले तो शो करने से मना कर दिया था. पत्नी निमिषा ने समझाया और मालदीव की छुट्टी में लगातार एपिसोड देखते रहे. फिर शूटिंग के पहले दिन ही जादू हो गया. आज लोग कहते हैं “पीयूष सबसे अच्छे शार्क हैं” क्योंकि वो बिजनेस से ज्यादा इंसान पर दांव लगाते हैं. इनका कुल नेट वर्थ लगभग 600 करोड़ रुपये का है.
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पीयूष बंसल की कहानी से ये सीखा जा सकता है कि-अच्छी नौकरी छोड़कर सपना देखने में डर नहीं लगता अगर विश्वास पक्का हो.फेलियर से डरने की बजाय उससे सीखो – पीयूष ने 4 फेल कंपनियों के बाद यूनिकॉर्न बनाया.पैसा कमाना मकसद नहीं, लोगों की जिंदगी आसान करना मकसद है. इसलिए आज हर शहर में Lenskart का स्टोर है.