कौन हैं रॉबर्ट कियोसाकी, जिन्होंने लिखा रिच डैड पुअर डैड; कैसे हो गए इतने फेमस

रॉबर्ट कियोसाकी केवल एक लेखक नहीं बल्कि एक बढ़िया इन्वेस्टर भी माने जाते हैं. उन्होंने लाखों लोगों को यह सिखाया कि पैसा केवल कमाने की चीज नहीं, बल्कि समझने और संभालने की भी चीज है. ऐसे में आइए जानते हैं उनके जीवन, विचारों और मशहूर किताब के पीछे की सोच को विस्तार से.

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Rich Dad Poor Dad Author: अगर आपको पैसे बचाने, इन्वेस्टमेंट करने या फिर अमीर बनने वाली किताबें पसंद हैं, तो आपने रिच डैड पुअर डैड नामक किताब के बारे में जरूर सुना होगा. दरअसल, इस किताब ने लाखों लोगों की सोच बदल दी और इसकी वजह हैं इस किताब के लेखक रॉबर्ट टोरू कियोसाकी. उनकी Rich Dad Poor Dad किताब न केवल फेमस है, बल्कि लोगों की फाइनेंशियल फ्रीडम की दिशा में पहला कदम मानी जाती है. ऐसे में चलिए समझते है उनके जीवन, विचारों और मशहूर किताब के पीछे की सोच को.

कौन हैं रॉबर्ट टोरू कियोसाकी ?

रॉबर्ट कियोसाकी एक अमेरिकी लेखक, बिजनेसमैन और फाइनेंशियल एजुकेटर हैं. वे रिच डैड कंपनी के फाउंडर भी हैं, जो लोगों को उनके पर्सनल और बिजनेस से जुड़ी एजुकेशनल किताबों और वीडियो के माध्यम से जानकारी देती है. उन्होंने रिच ग्लोबल एलएलसी की भी स्थापना की है. उन्होंने अपनी बातों से दुनिया को यह सिखाया कि पैसे कमाने से ज्यादा जरूरी है पैसे को समझना.

Rich Dad Poor Dad का क्या है मतलब?

दरअसल, रॉबर्ट कियोसाकी की इस किताब का संबंध उनके दो डैड यानी पिता से जुड़ा है. जहां वो बताते हैं कि उनके एक पिता, जो कि उनके असली डैड थे, वह एक पढ़े-लिखे और सरकारी नौकरी करने वाले व्यक्ति थे, जिन्हें वह पुअर डैड कहते हैं. वहीं, उनके दूसरे पिता, जो कि उनके दोस्त के पिता थे, वह एक सफल बिजनेसमैन थे, जिन्हें वह रिच डैड कहते हैं. पुअर डैड मानते थे कि अच्छी पढ़ाई करो, सरकारी नौकरी पाओ और जिंदगी में सुरक्षित रहो. वहीं रिच डैड का मानना था कि पढ़ाई के साथ-साथ पैसों की समझ जरूरी है. उन्होंने सिखाया कि पैसे के लिए काम मत करो, ऐसा सोचो कि पैसा तुम्हारे लिए कैसे काम करे.

‘रिच डैड पुअर डैड’ किताब की सोच और संदेश

साल 1997 में रॉबर्ट कियोसाकी ने अपने दोनों डैड से एक्सपीरियंस लेकर एक किताब लिखी, जिसका नाम उन्होंने Rich Dad Poor Dad रखा, जो आज दुनिया की सबसे मशहूर पर्सनल फाइनेंस किताबों में गिनी जाती है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रॉबर्ट कियोसाकी की कुल कमाई करीब 100 मिलियन डॉलर यानी 833 करोड़ रुपये मानी जाती है. हालांकि कई बार उनके बिजनेस फेल हुए और उन्हें दिवालिया भी होना पड़ा, लेकिन आखिरकार उन्हें अपनी असली कामयाबी पैसे से जुड़ी सीख देने के काम में मिली है.

क्या है किताब का मूल मैसेज?

रॉबर्ट कियोसाकी ने अपनी इस किताब में लिखा है कि सिर्फ ऊंची इनकम नहीं, बल्कि पैसे को कैसे संभालना है यह भी जरूरी है. अमीर लोग पैसे के लिए काम नहीं करते, वे पैसे को अपने लिए काम में लगाते हैं. आम लोग जिन चीजों को संपत्ति समझते हैं, वे वास्तव में liabilities होती हैं, यानी वे चीजें जो आपकी जेब से पैसा निकालती हैं.

इन्वेस्टमेंट और थिंकिंग स्टाइल

कियोसाकी का मानना है कि फाइनेंशियल इंटेलिजेंस चार चीजों पर आधारित है, वह अकाउंटिंग, इनवेस्टिंग, मार्केट्स की समझ और कानून है. वे रियल एस्टेट और स्मॉल-कैप स्टॉक्स को अपनी प्रमुख निवेश रणनीतियों में शामिल करते हैं. वे हमेशा कहते हैं “अगर पैसे के लिए काम करोगे तो कंट्रोल बॉस के पास रहेगा. लेकिन अगर पैसा तुम्हारे लिए काम कर रहा है, तो कंट्रोल तुम्हारे पास होगा.”

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