एयर इंडिया प्लेन के इंजन-पार्ट तक का मिलेगा पैसा, सबसे बड़ा इंश्योरेंस क्लेम, जानें कैसे बंटेंगे 3900 करोड़
Air India Plane Crash: हाल ही में एयर इंडिया के हादसे ने एविएशन इंश्योरेंस सेक्टर पर भारी वित्तीय बोझ डाल दिया है, जिसमें अनुमानित क्लेम लगभग 475 मिलियन डॉलर यानी 3900 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है. यह देश के इतिहास का सबसे बड़ा एविएशन क्लेम हो सकता है.
Air India Insurance: हाल में एयर इंडिया के साथ हुए सबसे खतरनाक हादसे ने 270 लोगों की जान ले ली है. केवल प्लेन में बैठे लोगों ही नहीं बल्कि जहां प्लेन क्रैश हुआ उस साइट पर भी कई लोग मारे गए. इसके साथ ही इस हादसे ने इंश्योरेंस सेक्टर को भी पूरी तरह से हिला कर रख दिया है. इस हादसे के चलते एविएशन इंश्योरेंस सेक्टर पर भारी भरकम वित्तीय बोझ आ गया है. एक अनुमान के मुताबिक एयर इंडिया का क्लेम लगभग 475 मिलियन डॉलर यानी करीब 3900 करोड़ से ज्यादा तक पहुंच सकता है. ये भारत के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा क्लेम है.
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, जनरल इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (GIC) के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर रामास्वामी नारायणन ने कहा कि यह देश के इतिहास का सबसे बड़ा एविएशन क्लेम हो सकता है. GIC उन कंपनियों में से एक है जिसने एयर इंडिया के इंश्योरेंस की जिम्मेदारी ली है.
किस तरह मिलता है इंश्योरेंस क्लेम का पैसा
रिपोर्ट के अनुसार, प्लेन के हुल (बॉडी) और इंजन के लिए अनुमानित क्लेम लगभग 125 मिलियन डॉलर यानी 1000 करोड़ रुपये का होगा.
इसके अलावा, जो लोग इस हादसे में मारे गए उनके परिजनों और बाकी लाइबिलिटी की क्लेम की राशि करीब 350 मिलियन डॉलर यानी 2900 करोड़ होगी.
रिपोर्ट के मुताबिक, यह कुल खर्च भारत में एविएशन इंश्योरेंस सेक्टर की सालाना प्रीमियम कमाई से तीन गुना ज्यादा है.
देश दुनिया के इंश्योरेंस बाजार पर असर
इस हादसे का सीधा असर ग्लोबल एविएशन इंश्योरेंस और रीइंश्योरेंस बाजार पर भी पड़ने जा रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक, इस घटना के बाद भारत में विमानों की इंश्योरेंस लागत में इजाफा होना तय है. चाहे वो अभी हो या अगली बार जब पॉलिसी रिन्यू होगी.
ब्लूमबर्ग के डेटा के मुताबिक, GIC और अन्य भारतीय कंपनियों ने एविएशन इंश्योरेंस से सिर्फ 1% प्रीमियम ही कमाया है. बाकी का बड़ा हिस्सा ग्लोबल रीइंश्योरर्स को ट्रांसफर कर दिया गया था. असल में, भारतीय इंश्योरेंस कंपनियों ने अपने एविएशन प्रीमियम का 95% से ज्यादा हिस्सा इंटरनेशनल रीइंश्योरेंस कंपनियों को दे रखा था. इसलिए इस दुर्घटना से होने वाला आर्थिक झटका मुख्य रूप से इन्हीं विदेशी कंपनियों पर पड़ेगा.
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विदेशी नागरिकों की मौत पर कैसे तय होगा क्लेम
इस हादसे में जिन विदेशी नागरिकों की मौत हुई है, उनके इंश्योरेंस क्लेम उनके देशों के नियमों के अनुसार तय होंगे. इससे क्लेम राशि और बढ़ सकती है. हालांकि इसमें काफी वक्त लग जाता है.