1956 में बनी कंपनी का IPO इस दिन होगा ओपन, चेक कर लीजिए प्राइस बैंड और लॉट साइज

आईपीओ से हासिल होने वाली रकम का इस्तेमाल कंपनी कुछ कर्ज को चुकाने के लिए करेगी. इसके अलावा फंड का इस्तेमाल कॉरपोरेट जरूरतों के लिए भी किया जाएगा.

ACME Solar IPO का सोमवार को हो सकता है अलॉटमेंट Image Credit: Getty image

गोदावरी बायोरिफाइनरीज का इनिशियल पब्लिक ऑफर (IPO) बुधवार बुधवार 23 अक्टूबर को सब्सक्रिप्शन के लिए ओपन होगा. कंपनी ने आईपीओ का प्राइस बैंड 334-352 रुपये प्रति शेयर तय किया है. निवेशक 42 इक्विटी शेयरों के लॉट साइज में इस इश्यू के लिए आवेदन कर सकते हैं. यह आईपीओ 23 अक्टूबर से 25 अक्तूबर से बीच सब्सक्रिप्शन के आवेदन के लिए ओपन रहेगा.

ऑफर फॉर सेल

गोदावरी बायोरिफाइनरीज के आईपीओ में 325 करोड़ रुपये के नए शेयरों की बिक्री होगी. इसके प्रमोटरों और मौजूदा शेयरधारकों के 65,26,983 इक्विटी शेयरों का ऑफर फॉर सेल (OFS) शामिल है. प्राइस बैंड के अपर लेवल पर कंपनी आईपीओ के जरिए से 554.75 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बना रही है.

किसके लिए कितना रिजर्व?

गोदावरी बायोरिफाइनरीज ने नेट ऑफर का 50 फीसदी हिस्सा क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए रिजर्व किया है. नॉन इंस्टीट्यूशनल इंवेस्टर्स (NII) को 15 फीसदी हिस्सा मिलेगा. नेट ऑफर का बाकी 35 प्रतिशत हिस्सा रिटेल निवेशकों को मिलेगा.

आईपीओ से हासिल होने वाली रकम का इस्तेमाल कंपनी कुछ कर्ज को चुकाने के लिए करेगी. इसके अलावा फंड का इस्तेमाल कॉरपोरेट जरूरतों के लिए भी किया जाएगा. इश्यू के लिए एंकर बुक मंगलवार, 22 अक्टूबर को खुलेगा. 1956 में बनी गोदावरी बायोरिफाइनरीज भारत में इथेनॉल-बेस्ड केमिकल बनाती है.

बुक रनिंग लीड मैनेजर

इक्विरस कैपिटल और एसबीआई कैपिटल मार्केट्स गोदावरी बायोरिफाइनरीज आईपीओ के बुक रनिंग लीड मैनेजर हैं. जबकि लिंक इनटाइम इंडिया इस इश्यू के लिए रजिस्ट्रार है. कंपनी के शेयर बीएसई और एनएसई दोनों पर लिस्ट होंगे और लिस्टिंग की संभावित तिथि 30 अक्टूबर बुधवार है.

क्या बनाती है कंपनी?

कंपनी के प्रोडक्ट पोर्टफोलियो में जैव-आधारित रसायन, चीनी, इथेनॉल के विभिन्न ग्रेड और बिजली शामिल हैं. इन प्रोडक्ट्स का उपयोग खाद्य, पेय पदार्थ, फार्मास्यूटिकल्स, टेस्ट और स्मेल, बिजली, ईंधन, पर्सनल केयर और सौंदर्य प्रसाधन जैसे उद्योगों में किया जाता है.

कंपनी 30 जून 2024 तक इथेनॉल उत्पादन के लिए 570 केएलपीडी की क्षमता के साथ एक इंटीग्रेटेड बायोरिफाइनरी ऑपरेट करती है. 31 मार्च 2024 तक स्थापित क्षमता के आधार पर यह दुनिया में एमपीओ का सबसे बड़ा उत्पादक है. यह नेचुरल 1,3-ब्यूटेनडियोल के केवल दो निर्माताओं में से एक है और भारत में एकमात्र कंपनी है जो जैव एथिल एसीटेट बनाती है.

वित्तीय प्रदर्शन

30 जून 2024 को समाप्त तिमाही में कंपनी ने 525.27 करोड़ रुपये के रेवेन्यू के साथ 26.11 करोड़ रुपये का नेट लॉस दर्ज किया था. 31 मार्च 2024 को समाप्त वित्तीय वर्ष में कंपनी ने 1,701.06 करोड़ रुपये के रेवेन्यू के साथ 12.30 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट कमाया था.