Oswal Pumps IPO में पैसा लगाएं या नहीं, SBI सिक्योरिटीज ने दी ये सलाह; बता दिया रिस्क फैक्टर

Oswal Pumps IPO: कंपनी ने अपने पब्लिक ऑफर के लिए 584 रुपये से 614 रुपये प्रति इक्विटी शेयर के बीच प्राइस बैंड तय किया है. ओसवाल पंप्स IPO का लॉट साइज 24 इक्विटी शेयरों का है. कंपनी पीएम कुसुम योजना के तहत सोलर पावर्ड कृषि पंपों की सबसे बड़ी सप्लायर है.

ओसवाल पंप्स लिमिटेड के IPO का GMP Image Credit: Money9live

Oswal Pumps IPO: ओसवाल पंप्स लिमिटेड का इनिशियल पब्लिक ऑफर (IPO) इस सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार 13 जून को ओपन होगा. निवेश के लिए यह पब्लिक इश्यू 17 जून तक खुला रहेगा. ओसवाल पंप्स के IPO लिए एंकर इन्वेस्टर्स को अलॉटमेंट गुरुवार 12 जून को होने वाला है. कंपनी ने अपने पब्लिक ऑफर के लिए 584 रुपये से 614 रुपये प्रति इक्विटी शेयर के बीच प्राइस बैंड तय किया है. ओसवाल पंप्स IPO का लॉट साइज 24 इक्विटी शेयरों का है. रिटेल निवेशकों के लिए निवेश की मिनिमम राशि 14,016 करोड़ रुपये है. ओसवाल पंप्स के IPO में आपको पैसा लगाना चाहिए या नहीं, इसके बारे में SBI सिक्योरिटीज ने बताया है.

ओसवाल पंप्स का IPO, 1,387.34 करोड़ रुपये का बुकबिल्डिंग है. यह इश्यू 1.45 करोड़ शेयरों के फ्रेश इश्यू का कॉम्बिनेशन है, जो कुल 890.00 करोड़ रुपये है और 0.81 करोड़ शेयरों का ऑफर फॉर सेल (OFS) है, जो कुल 497.34 करोड़ रुपये है.

कंपनी का कारोबार

SBI सिक्योरिटीज के अनुसार, वित्त वर्ष 22 से वित्त वर्ष 24 के बीच रेवेन्यू ग्रोथ के मामले में भारत में सबसे तेजी से बढ़ने वाला वर्टिकल इंटीग्रेटेड सोलर पंप मैन्युफैक्चरर है. कंपनी सोलर-पावर्ड और ग्रिड-कनेक्टेड सबमर्सिबल और मोनोब्लॉक पंप, इलेक्ट्रिक मोटर और सोलर मॉड्यूल बनाती है, जिन्हें ‘ओसवाल’ ब्रांड नाम से बेचा जाता है.

सरकारी स्कीम से जुड़ी बिक्री

कंपनी वित्त वर्ष 23 और वित्त वर्ष 24 में पीएम कुसुम योजना के तहत सोलर पावर्ड कृषि पंपों की सबसे बड़ी सप्लायर के रूप में उभरी है. इसने दिसंबर 2024 तक स्थापित कुल सोलर पावर्ड कृषि पंपों में से लगभग 38.0 फीसदी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सप्लाई किया है. इसके अलावा, कंपनी भारत में कुछ पूरी तरह से इंटीग्रेटेड टर्नकी सोलर पंपिंग सिस्टम प्रोवाइर्स में से एक है, जो सोलर पावर्ड कृषि पंप, सोलर मॉड्यूल, पंप कंट्रोलर बनाने के साथ-साथ इंस्टॉलेशन सेवाएं प्रदान करने की क्षमता रखती है.

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IPO के रिस्क फैक्टर

सरकारी योजना से संबंधित रिस्क: कंपनी ने अपने FY22/FY23/FY24/9MFY25 रेवेन्यू का क्रमशः 55.3%/69.7%/85.7%/87.3% पीएम कुसुम योजना (प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से) से प्राप्त किया, जो सरकारी बजट गतिविधि के अधीन है. यानी सरकार इस स्कीम में जितना अधिक पैसा डालेगी, उतना अधिक कंपनी को फायदा मिल सकता है.

रिसीवेबल रिस्क: कंपनी की रिसीवेबल राशि वित्त वर्ष 22 में 38 करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 25 की 9 तारीख तक 711 करोड़ रुपये हो गई है, क्योंकि कंपनी को अपने रेवेन्यू का एक बड़ा हिस्सा सरकारी टेंडर व्यवसाय से प्राप्त होता है. सरकारी परियोजनाओं से रिसीवेबल 140-150 दिन अधिक हैं.

कच्चे माल की कीमत का रिस्क: कंपनी पंप और सौर मॉड्यूल के निर्माण के लिए तांबे और सोलर सेल का उपयोग करती है. लागत प्रभावी तरीके से कच्चे माल का स्रोत बनाने में कोई भी असफलता कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है.

दांव लगाए या नहीं

SBI सिक्योरिटीज ने कहा है कि निवेशक लॉन्ग टर्म के लिए ओसवाल पंप्स लिमिटेड के IPO में पैसा लगा सकते हैं. यानी आप लंबे समय तक लिए निवेश करना चाहते हैं, ओसवाल पंप्स लिमिटेड का आईपीओ पर दांव लगा सकते हैं.

ओसवाल पंप्स लिमिटेड के IPO का GMP

मंगलवार 10 जून को ओसवाल पंप्स IPO का ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) 67 रुपये पर था. 614.00 के प्राइस बैंड के साथ, ओसवाल पंप्स आईपीओ की अनुमानित लिस्टिंग कीमत 681 रुपये (कैप प्राइस + आज का जीएमपी) है.

डिसक्लेमर: इस खबर में GMP संबंधित जानकारी दी गई है. मनी9लाइव का GMP तय करने से कोई संबंध नहीं है. मनी9लाइव निवेशकों को यह भी सचेत करता है कि केवल जीएमपी के आधार पर निवेश पर फैसला नहीं करें. निवेश से पहले कंपनी के फंडामेंटल जरूर देखें और एक्सपर्ट की सलाह अवश्य लें.