UPS और NPS के बीच फैसला लेने की डेडलाइन बढ़ी, जानें- सरकार ने कितने महीने का दिया समय
UPS Deadline: वित्त मंत्रालय सोमवार 23 जून को कहा कि यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) और नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) के बीच निर्णय लेने के लिए डेडलाइन को तीन महीने के लिए बढ़ा दी गई है. सरकार ने कहा है कि यूपीएस एक अप्रैल 2025 की तारीख से लागू मानी जाएगी.
UPS Deadline: वित्त मंत्रालय ने यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) और नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) के बीच फैसला लेने की डेडलाइन को बढ़ा दिया है. वित्त मंत्रालय ने सोमवार 23 जून को कहा कि यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) और नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) के बीच निर्णय लेने की डेडलाइन को तीन महीने बढ़ाकर 30 सितंबर 2025 कर दी गई है. इससे पहले डेडलाइन 30 जून 2025 तय की गई थी.
पात्र कर्मचारियों में मौजूदा कर्मचारी, रिटायर कर्मचारी और मृतक सेवानिवृत्त कर्मचारियों के जीवनसाथी शामिल हैं. उन्हें योजना के तहत अपना विकल्प चुनने के लिए 30 जून तक तीन महीने का समय दिया गया था.
क्यों बढ़ाई गई डेडलाइन?
वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि अलग-अलग स्टेकहोल्डर से प्राप्त डेडलाइन बढ़ाने के अनुरोधों के बाद यह फैसला लिया गया है. अब केंद्र ने यूपीएस के लिए विकल्प चुनने की अंतिम तिथि को तीन महीने बढ़ाकर सितंबर 2025 तक करने का फैसला किया है. यूपीएस उन केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों पर लागू होता है, जो नेशनल पेंशन स्कीम के तहत आते हैं और जो 1 जनवरी 2004 को लागू हुए NPS के तहत इस विकल्प को चुनते हैं.
23 लाख सरकारी कर्मचारी हैं पात्र
यूपीएस और एनपीएस के बीच चयन करने के लिए 23 लाख सरकारी कर्मचारियों द्वारा विकल्प का प्रयोग किया जा सकता है. 24 अगस्त, 2024 को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने यूपीएस को मंजूरी दी थी.
पुरानी पेंशन स्कीम
पुरानी पेंशन योजना (OPS) के तहत, जो जनवरी 2004 में समाप्त हो गई थी, कर्मचारियों को उनकी अंतिम बेसिक सैलरी का 50 फीसदी मिलता था. यूपीएस की ऑपरेशनल प्रभावी तिथि 1 अप्रैल 2025 होगी.
OPS के उलट UPS प्रकृति में कंट्रीब्यूटरी है, जिसमें कर्मचारियों को अपने बेसिक वेतन एवं महंगाई भत्ते का 10 फीसदी योगदान करना होगा, जबकि नियोक्ता (केंद्र सरकार) का योगदान 18.5 फीसदी होगा. हालांकि, अंतिम भुगतान उस फंड पर मिलने वाले मार्केट रिटर्न पर निर्भर करता है.