सॉवरेन गोल्ड बांड की प्रीमैच्योर रिडेम्पशन डेट मिस होने पर क्या होगा? जानें RBI के नियम
सॉवरेन गोल्ड बांड (SGB) को 5 साल बाद केवल ब्याज भुगतान (coupon) की तारीख पर ही premature redemption किया जा सकता है. अगर निवेशक तय समय चूक जाए, तो अगली विंडो का इंतजार करना या सेकेंडरी मार्केट में बॉन्ड बेचना होगा. रिडेम्प्शन मूल्य IBJA की सोने की औसत कीमत पर तय होता है.
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) की समय से पहले निकासी यानी प्रीमैच्योर रिडेम्पशन (premature redemption) को लेकर नियम स्पष्ट किए हैं. अगर कोई निवेशक निर्धारित तारीख पर अपने SGB को redeem नहीं कर पाता है तो उसके लिए क्या विकल्प मौजूद हैं. अगर आपके पास भी कोई SGB है तो आपको यह खबर जरूर पढ़नी चाहिए.
कहां रिडीम होते हैं SGB
SGB की कुल अवधि 8 वर्ष होती है लेकिन निवेशक 5 वर्ष पूरे होने के बाद किसी भी ब्याज भुगतान (coupon payment) की तारीख पर प्रीमैच्योर रिडेम्पशन का विकल्प चुन सकते हैं. इसके लिए निवेशकों को तय समय सीमा में आवेदन करना होता है. यह आवेदन उस बैंक शाखा, पोस्ट ऑफिस, एजेंट या SHCIL कार्यालय में किया जा सकता है जहां से बॉन्ड खरीदा गया था. जिन निवेशकों ने पहले से इसमें निवेश किया हुआ है, उनके लिए RBI हर छह महीने में eligible tranches की सूची जारी करता है, जिन पर प्रीमैच्योर रिडेम्पशन का विकल्प उपलब्ध होता है.
प्रीमैच्योर रिडेम्पशन की डेट मिस होने पर क्या विकल्प
RBI के अनुसार, निवेशक को कूपन पेमेंट डेट से 30 दिन पहले आवेदन करना होता है, और समय पर अनुरोध करने पर राशि निवेशक के बैंक खाते में जमा कर दी जाती है. यदि कोई निवेशक यह विंडो मिस कर देता है तो उसके पास तीन विकल्प रहते हैं. अगली रिडेम्पशन डेट का इंतजार करना, बॉन्ड्स को सेकेंडरी मार्केट में बेचना या फिर मैच्योरिटी तक बॉन्ड्स को होल्ड करना.
कैसे तय होती है वैल्यू
SGB को आंशिक रूप से भी रिडीम किया जा सकता है, बशर्ते वह 1 ग्राम के मल्टीपल में हो. RBI के नियमों के अनुसार, premature redemption की कीमत भारत बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन लिमिटेड (IBJA) द्वारा प्रकाशित 999 शुद्धता वाले सोने की पिछली तीन कारोबारी दिनों की औसत कीमत के आधार पर तय की जाती है.
SGB ने दिया 300% से ज्यादा रिटर्न
SGB जो सरकार से समर्थित सोने पर आधारित सिक्योरिटीज हैं. 2025 में यह निवेशकों के लिए बेहद लाभदायक साबित हुई हैं. इस साल सोने की कीमतों में 50% से अधिक की बढ़ोतरी हुई है, जिसके चलते इन बॉन्ड्स ने 300% से ज्यादा रिटर्न तक दिए हैं. उदाहरण के तौर पर, SGB 2017-18 सीरीज IV ने 325% रिटर्न, सीरीज II ने 250% और सीरीज V ने 303% तक का रिटर्न दिया है. इसके शानदार रिटर्न्स के बावजूद, सरकार ने 2025 के केंद्रीय बजट में यह योजना बंद कर दी क्योंकि यह आर्थिक रूप से टिकाऊ नहीं रह गई थी.
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