सेना पर खर्च, जनता पर कटौती; पाकिस्तान ने IMF के प्रेशर में रद्द किए 118 प्रोजेक्ट, लेकिन रक्षा बजट बढ़ाया

पाकिस्तान ने आगामी 2025-26 के बजट से 1000 अरब पाक रुपये की 118 विकास योजनाएं रद्द कर दी हैं, जबकि रक्षा खर्च में 18 प्रतिशत की बढ़ोतरी की जा रही है. IMF के दबाव में यह कटौती की गई है. देश पहले ही आर्थिक संकट, ऊर्जा की कमी और खराब सामाजिक सेवाओं से जूझ रहा है.

पाकिस्तान ने बजट से 118 विकास योजनाएं रद्द कर दी हैं, जबकि रक्षा खर्च में बढ़ोतरी कर रहा है. Image Credit: Tv9

Pakistan Economy Defence Budget: पाकिस्तान का दोहरा रवैया एक बार फिर सामने आया है. बदहाली के दौर से गुजर रहे देश को बचाने के लिए जहां एक तरफ शहबाज शरीफ IMF से भीख मांग रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ इन्हीं पैसों को आम जनता की बजाय सेना पर खर्च कर रहे हैं. दरअसल, IMF से लोन लेने के लिए पाकिस्तान ने 1000 अरब पाकिस्तानी रुपये की 118 विकास परियोजनाओं को रद्द करने का फैसला लिया है, लेकिन इसके उलट अपने सैन्य खर्च में 18 फीसदी की बढ़ोतरी का फैसला किया है. बिगड़ती शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार व्यवस्था के बीच सरकार का यह फैसला दिखाता है कि उसे अपने नागरिकों की कोई फिक्र नहीं है.

IMF के दबाव में रद्द की गई परियोजनाएं

पाकिस्तान ने अपने 2025 26 के बजट से 118 बड़ी योजनाएं हटा दी हैं, जिनकी कुल कीमत लगभग 1000 पाकिस्तानी अरब रुपये थी. इनमें से 120 अरब रुपये बलूचिस्तान में एन 25 हाइवे के लिए अलग रखे गए, जिससे पब्लिक सेक्टर डेवलपमेंट प्रोग्राम के लिए सिर्फ 880 अरब रुपये ही बचे. आईएमएफ ने खर्च कम करने का दबाव डाला है, इसलिए यह कदम उठाया गया है. हाल ही में भारत के साथ सैन्य संघर्ष में भारत के हाथों पिटने के बाद पाकिस्तान ने अपने रक्षा बजट को 18 फीसदी तक बढ़ाने का फैसला लिया है. यह बढ़ोतरी ऐसे समय में की जा रही है जब देश गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है.

पाकिस्तान में खराब होते आर्थिक हालात

पाकिस्तान में आर्थिक हालात लगातार खराब हो रहे हैं. हालात ऐसे बन गए हैं कि कभी पूरी दुनिया में मजबूत मानी जाने वाली टेक्सटाइल इंडस्ट्री में भी गिरावट देखने को मिल रही है. देश में बिजली, इनोवेशन और कंपटीशन में कमी के चलते इसमें बड़ी गिरावट दर्ज की गई है. इसके अलावा देश की स्वास्थ्य और शिक्षा सेवाएं भी खराब स्थिति में हैं. सरकारी कर्ज जीडीपी के 80 फीसदी से ऊपर पहुंच चुका है और डिफॉल्ट का खतरा बना हुआ है.

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आतंकवाद का साथ नहीं छोड़ रहा पाकिस्तान

जहां एक तरफ पाकिस्तान चीन के साथ सीपेक के दूसरे चरण को आगे बढ़ाने और खाड़ी देशों से निवेश लाने की कोशिश कर रहा है, वहीं आतंकवाद को लेकर दुनिया भर में उसकी आलोचना हो रही है. लेकिन पाकिस्तान आतंकवाद का साथ नहीं छोड़ रहा है और इस बजट में सैन्य खर्च बढ़ाने तथा विकास परियोजनाएं रोकने के फैसले से उसकी मंशा साफ हो जाती है.