फ्रोजन मटर कैसे बनती है? जानें खेत से फैक्टरी तक की पूरी प्रोसेस – Money9live
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फ्रोजन मटर कैसे बनती है? जानें खेत से फैक्टरी तक की पूरी प्रोसेस
फ्रोजन मटर कैसे बनती है, इसकी पूरी प्रोसेस खेत से फैक्टरी तक कई सटीक स्टेप्स में पूरी होती है. सबसे पहले किसानों से ताजी मटर खरीदी जाती है और उसी दिन प्रोसेस की जाती है ताकि मिठास और रंग सुरक्षित रहें. फैक्टरी में दानों की छंटाई और ग्रेडिंग के बाद मटर को ब्लान्चिंग करके एन्जाइम एक्टिविटी रोक दी जाती है.
खेत से ताजी मटर की खरीद फ्रोजन मटर के लिए सबसे पहले आसपास के किसानों से ताजी और कच्ची हरी मटर खरीदी जाती है. मटर को उसी दिन प्रोसेस किया जाता है ताकि उसकी मिठास और रंग बरकरार रहे.
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छंटाई और ग्रेडिंग फैक्टरी में मटर के दानों को मशीनों के जरिए साफ किया जाता है. खराब, सडे या छोटे दानों को अलग निकाल दिया जाता है. इससे केवल प्रीमियम क्वालिटी वाली मटर आगे भेजी जाती है. यह सबसे अहम पार्ट माना जाता है.
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ब्लान्चिंग (हल्का उबालना) ब्लान्चिंग फ्रोजन मटर की सबसे जरूरी प्रोसेस होती है. मटर को कुछ सेकंड तक गर्म पानी में हल्का उबाला जाता है. इससे मटर का हरा रंग सुरक्षित रहता है, एन्जाइम एक्टिविटी बंद हो जाती है और टेस्ट तथा टेक्सचर बरकरार रहता है. इसके तुरंत बाद मटर को बरफिले ठंडे पानी में डालकर ठंडा कर लिया जाता है.
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क्विक फ्रीजिंग IQF (इनडिविजुअल क्विक फ्रीजिंग) मशीन में मटर को माइनेस 40 डिग्री तापमान तक बहुत तेजी से जमाया जाता है. इससे हर दाना अलग अलग जमता है, टेक्सचर गीला या अधिक सख्त नहीं होता और घर पर इस्तेमाल करते समय दाने चिपकते नहीं हैं.
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पैकेजिंग और स्टोरेज फ्रोजन मटर को एर्टाइट पैकेट्स में पैक किया जाता है और माइनेस 18 डिग्री तापमान वाले कोल्ड स्टोरेज में रखा जाता है. यहां से यह सीधे सुपरमार्केट, ऑनलाइन स्टोर या निर्यात के लिए भेज दी जाती है.