भारत में टैलेंट की कमी बनेगी मुसीबत, कंपनियां स्लो कर सकती हैं भर्तियां

ManpowerGroup Talent Shortage Survey में टैलेंट की कमी को लेकर बड़ी बात सामने आई है. इस सर्वे के मुताबिक, भारत में 80 प्रतिशत एम्पलॉयर्स को सही टैलेंट खोजने के लिए मेहनत करनी पड़ रही है. सर्वे के मुताबिक भारत में सबसे ज्यादा टैलेंट की कमी दक्षिण भारत (85 प्रतिशत) में दर्ज की गई है.

भारत में 80 प्रतिशत एम्पलॉयर्स को सही टैलेंट खोजने में परेशानी हो रही है. Image Credit: Freepik.com

एक तरफ भारत में जॉब की कमी और बेरोजगारी की बात कही जा रही है वहीं दूसरी ओर एक सर्वे आया है जो बता रहा है कि कंपनियों को सही टैलेंट तलाशने में मशक्कत करना पड़ रहा है. हाल ही में ManpowerGroup Talent Shortage Survey आया है, जिसमें कई अहम बातें सामने आई हैं. इस सर्वे में खुलासा हुआ है कि कई कंपनियां ऐसी हैं, जिन्हें टैलेंट की कमी का सामना करना पड़ रहा है. साथ ही इस सर्वे में कई सेक्टर्स में टैलेंट की कमी की बात कही गई है. सर्वे में यह भी बताया गया है कि एम्पलॉयर्स मार्च तिमाही में सावधानी से नियुक्तियां करने वाले हैं.

क्या कुछ है सर्वे में

ManpowerGroup Talent Shortage Survey के अनुसार, भारत में एम्पलॉयर्स को 2025 की पहली तिमाही में सावधानीपूर्वक नियुक्तियों की उम्मीद है, क्योंकि टैलेंट की कमी के चलते भर्ती में दिक्कत हो सकती है. मैनपावरग्रुप टैलेंट शॉर्टेज सर्वे ने देश के चार क्षेत्रों में 3,000 से अधिक एम्पलॉयर्स से डेटा एकत्र किया.

ग्लोबल लेवल पर सबसे अधिक भर्ती मांग (53 प्रतिशत) के बावजूद, भारत में 80 प्रतिशत एम्पलॉयर्स को सही टैलेंट खोजने में कठिनाई हो रही है. यह ट्रेंड 2022 से बना हुआ है और ग्लोबल औसत 74 प्रतिशत से अधिक है, जो 2024 में भी बदला नहीं है. सर्वे ने इस ओर इशारा किया है कि कोई भी सेक्टर ऐसा नहीं है जो टैलेंट की कमी से न जूझ रहा हो.

आईटी इंडस्ट्री सबसे ज्यादा परेशान

मैनपावरग्रुप इंडिया और मिडिल ईस्ट के मैनेजिंग डायरेक्टर संदीप गुलाटी ने कहा, “टैलेंट की लगातार कमी, 2025 में 80 फीसदी ऑर्गनाइजेशंस को पदों को भरने के लिए मेहनत करने की आवश्यकता और कलेक्टिव एक्शन की तत्काल जरूरतों को रेखांकित करती है.” आईटी, एनर्जी और यूटिलिटी जैसे इंडस्ट्रीज सबसे अधिक तनाव महसूस कर रही हैं, क्योंकि डेटा और आईटी जैसे विशेष स्किल्स की मांग लगातार बढ़ रही है.

टैलेंट को खोजने, अट्रैक्ट करने और भर्ती करने के लिए, एम्पलॉयर्स मौजूदा कर्मचारियों (39 प्रतिशत) को अधिक अपस्किलिंग और रीस्किलिंग का मौका प्रदान कर रहे हैं. उनका लक्ष्य इंटरनल मोबिलिटी को बढ़ावा देकर रिक्रूटमेंट कॉस्ट को कम करना है. अस्थायी भर्ती बढ़ाने के पक्ष में केवल 22 प्रतिशत एम्पलॉयर्स हैं, जबकि 38 प्रतिशत नए टैलेंट पूल को टार्गेट करना और 29 प्रतिशत वेतन बढ़ाने को प्राथमिकता दे रहे हैं.

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दक्षिण भारत में एम्पलॉयर्स सबसे ज्यादा परेशान

टैलेंट की कमी सबसे अधिक दक्षिण भारत (85 प्रतिशत) में है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के बारे में पूछे जाने पर एम्पलॉयर्स ने कर्मचारियों को ट्रेनिंग देने, टैलेंटेड लोगों को खोजना और अधिक लोकेशन फ्लेक्सिबिलिटी (हाइब्रिड, रिमोट) प्रदान करना, टेक्नोलॉजी का पूरी तरह से लाभ उठाने के लिए शीर्ष चुनौतियों के रूप में बताया है.

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