मुफ्त योजनाओं से कमजोर हुआ रुपया? क्रिस्टोफर वुड की चेतावनी और जेफरीज की बड़ी रिपोर्ट
इस वीडियो में बताया गया है कि इस साल कई घरेलू और ग्लोबल फैक्टर्स ने भारतीय शेयर बाजार से लेकर रुपये की कीमत तक को हिला कर रख दिया है. जियो-पॉलिटिकल तनाव, ट्रंप टैरिफ और अंतरराष्ट्रीय अनिश्चितता ने पूरे साल बाजार में भारी उतार-चढ़ाव बनाया रखा. इसका सीधा असर भारतीय रुपये की कमजोरी पर भी दिखा. लेकिन जेफरीज के ग्लोबल हेड ऑफ इक्विटी स्ट्रैटेजी Christopher Wood ने अपनी रिपोर्ट में एक बड़ा घरेलू कारण भी जिम्मेदार बताया है, देश में बढ़ती मुफ्त योजनाएं और रियायतें. वुड के मुताबिक मुफ्त योजनाओं का बोझ फिस्कल स्ट्रक्चर पर दबाव डालता है, जिसके चलते मुद्रा पर नेगेटिव प्रभाव पड़ता है. उनकी रिपोर्ट का दावा है कि ऐसी स्कीमें रुपये को कमजोर करने में अहम भूमिका निभाती हैं. वीडियो में विस्तार से बताया गया है कि मुफ्त योजनाओं का असर कैसे अर्थव्यवस्था, बाजार और करेंसी तक पहुंचता है और आगे इससे क्या जोखिम पैदा हो सकते हैं.