India-UAE के बीच 2030 तक 100 अरब डॉलर का होगा नॉन-ऑयल ट्रेड, CEPA की बदौलत बना तीसरा सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर
भारत और यूएई के बीच हुए कॉम्प्रिहेंसिव इकोनॉमिक पार्टनरशिप एग्रीमेंट (CEPA) ने दोनो देशों के बीच होने वाले व्यापार की तस्वीर बदल दी. इसी साझेदारी का परिणाम है कि आज यूएई, भारत का दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक डेस्टिनेशन और तीसरा सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर है. आने वाले कुछ वर्षों में व्यापार के आंकड़ों में नाटकीय बदलाव दिखने वाले हैं. सरकार का अनुमान है कि अगले 5 साल में दोनो देशों के बीच नॉन-ऑयल ट्रेड बढ़कर 100 बिलियन डॉलर का हो जाएगा, जो अभी 68 बिलियन डॉलर है.
News9 Global Summit in Dubai: मध्य पूर्व के देशों में साल 2017 में भारत ने सबसे पहले यूएई के साथ कॉम्प्रिहेंसिव इकोनॉमिक पार्टनरशिप एग्रीमेंट (CEPA) साइन किया था. इसी का परिणाम है कि आज दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार में नाटकीय बदलाव आया है. दुबई में आयोजित हो रहे News9 ग्लोबल समिट में शामिल हुए भारत के जनरल काउंसल सतीश कुमार सिवान ने कहा कि सीईपीए के कारण ही साल 2030 तक भारत और यूएई के बीच नॉन ऑयल ट्रेड बढ़कर 100 बिलियन डॉलर का हो जाएगा.
भारत-यूएई संबंधों को मजबूती दे रहा CEPA
मिडिल ईस्ट के देशों में भारत ने सबसे पहले यूएई के साथ व्यापक रणनीतिक साझेदारी समझौता (CEPA) किया था. साल 2017 में भारत और यूएई ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. CEPA – The Game Changer संबोधन में काउंसल जनरल ऑफ इंडिया, दुबई सतीश कुमार सिवान ने कहा कि CEPA ने भारत और यूएई के संबंधों को नया आयाम दिया है और इन्हें एक नई ऊंचाई तक ले गया है. भारत-यूएई व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौता (सीईपीए) एक व्यापार समझौता था, जो 1 मई, 2022 को लागू हुआ. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने एक वर्चुअल शिखर सम्मेलन के दौरान इस पर हस्ताक्षर किए थे.
2030 तक 100 बिलियन डॉलर का होगा नॉन ऑयल ट्रे़ड
सतीश कुमार सिवान ने कहा कि मध्य पूर्व में यूएई के साथ व्यापक रणनीतिक साझेदारी समझौता हस्ताक्षर करने वाला भारत पहला देश था. सतीश ने कहा कि इस समझौते के बाद भारत और यूएई के बीच 2030 तक नॉन-ऑयल ट्रे़ड बढ़कर 100 बिलियन डॉलर का हो जाएगा. इन दो देशों ने इस समझौते पर मात्र 88 दिनों के भीतर ही हस्ताक्षर किया था. इस समझौते के बाद कपड़ा, खाद्य, कृषि और जेम्स और ज्वेलरी जैसे उद्योग को काफी लाभ हुआ है.
6 लाख करोड़ रुपये का है नॉल ऑयल ट्रेड
सिवान ने कहा कि नॉन-ऑयल ट्रे़ड का 2030 तक 100 बिलियन डॉलर (8.3 लाख करोड़ रुपये) का लक्ष्य है. हम इस व्यापार में 68 बिलियन डॉलर (5.96 लाख करोड़ रुपये) तक पहुंच चुके हैं. यूएई भारत का दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक डेस्टिनेशन और तीसरा सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर है. उन्होंने आगे कहा कि सीईपीए समझौतों का व्यापक नेटवर्क भारतीय एमएसएमई की मदद कर सकता है . इसका एक शानदार उदाहरण भारत मार्ट है. हाल ही में भारत और यूएई ने यूपीआई ट्रांजैक्शन के लिए भी समझौता किया था. सिवान ने इसे बड़ी उपलब्धि बताया जो दोनों देशों के बीच व्यापार को बढ़ावा देती है.