भारत का स्केल और दुबई का ग्लोबल एक्सेस, स्टार्टअप के लिए वरदान, खुला नया रास्ता

एक ऐसा मंच जहां भारत और यूएई के टॉप बिजनेस आइकन जुटे, चर्चा हुई स्टार्टअप्स के उज्जवल भविष्य की, और उभरे नए अवसरों के संकेत. दिल्ली से दुबई तक क्या कुछ बड़ा होने वाला है? जवाब छिपा है इन बातों में, जिन्हें जानकर आप भी सोच में पड़ जाएंगे.

अब इंडिया का स्केल मिलेगा दुबई की ग्लोबल एक्सेस के साथ Image Credit: Money9 Live

News9 Global Summit in Dubai: न्यूज9 ग्लोबल समिट में भारत और यूएई के प्रमुख बिजनेस लीडर्स और उद्यमी एक मंच पर जुटे, जहां दिल्ली और दुबई के बीच स्टार्टअप ईकोसिस्टम को और मजबूत करने पर चर्चा हुई. ‘Delhi to Dubai: The Startup Corridor’ थीम पर आधारित इस सत्र में व्यापार, तकनीक और नवाचार के क्षेत्रों में दोनों क्षेत्रों के बीच सहयोग को लेकर रणनीति तय की गई. यह समिट गुरुवार को दुबई के ताज बिजनेस बे में आयोजित हुई. चर्चा का केंद्र था- भारत और यूएई के बीच तकनीक, व्यापार और नवाचार के जरिए स्टार्टअप ईकोसिस्टम को कैसे मजबूत किया जाए.

दुबई: व्यापार की आसान मंजिल

Burjeel Holdings के ग्रुप चीफ लीगल काउंसल मुस्तसन जलील बशारत मीर ने बताया कि दुबई आज दुनिया के सबसे आसान बिजनेस डेस्टिनेशन में शामिल है. उन्होंने कहा, “दुबई में व्यापार शुरू करना और उसे चलाना इतना सरल है कि लंदन और न्यूयॉर्क जैसी जगहों से भी कंपनियां अब दुबई शिफ्ट हो रही हैं.” उनके मुताबिक, ease of doing business के मामले में दुबई अब सिंगापुर और अमेरिका की बराबरी पर है.

Shiprocket के को-फाउंडर विशेष खुराना ने दुबई में अपने बिजनेस अनुभव को साझा करते हुए कहा कि यहां की डिजिटल सुविधाएं इतनी उन्नत हैं कि अधिकांश काम रिमोटली हो सकता है, यहां तक कि लीज़ साइन करना भी. उन्होंने कहा, “भारत स्केल देता है, लेकिन दुबई ग्लोबल एक्सेस.”

ट्रैवल और टेक: दोनों देशों की ताकत

SKIL Travel के फाउंडर शैलेन्द्र जिंदल ने बताया कि कोविड के बाद ट्रैवल इंडस्ट्री में जबरदस्त रिकवरी देखी गई है, और इसमें दुबई जैसे शहरों की बड़ी भूमिका रही है. उन्होंने कहा कि डिजिटल टूल्स और ई-वीज़ा जैसी सुविधाओं ने भारत और यूएई को और करीब ला दिया है.

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Droom की को-फाउंडर उपासना बोरा ने बताया कि भारत में अब 1.68 लाख से ज्यादा स्टार्टअप्स और 120 से ज्यादा यूनिकॉर्न हैं. उन्होंने कहा, “भारत और यूएई की यह साझेदारी सिर्फ व्यापार नहीं, बल्कि भविष्य की दोस्ती है.”

साझा प्रगति की ओर

‘India-UAE: Partnership for Prosperity & Progress’ थीम के तहत हुए इस समिट ने दिखाया कि कैसे दिल्ली और दुबई मिलकर एक सशक्त स्टार्टअप कॉरिडोर बना सकते हैं- जो वैश्विक कनेक्टिविटी, तकनीकी सहयोग और आर्थिक समृद्धि की नींव बन सकता है.

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