ऐसा है विवेक ओबराय का बिजनेस साम्राज्य, जानें 55000 करोड़ का कनेक्शन; बॉलीवुड बंदा कैसे बना कॉरपोरेट हीरो

वो एक्टर जो कभी फिल्मों में अपने डायलॉग्स से दिल जीतता था, अब अरबों की डील्स से सुर्खियां बटोर रहा है. कैमरे की चमक से दूर, उसने चुपचाप ऐसा कुछ कर दिखाया है जो हर युवा को प्रेरणा देगा. जानिए क्या है उस दूसरी पारी की असली कहानी...

इस बॉलीवुड एक्टर ने चुपचाप बना डाली करोड़ों की कंपनियां

Vivek Oberoi News9 Global Summit in Dubai: विवेक ओबरॉय, जिसे लोग पहले पर्दे के हीरो के तौर पर जानते थे, अब अरबों के बिजनेस डील्स के पीछे का दिमाग बन चुका है. दुबई में News9 Global Summit के मंच पर उन्होंने न सिर्फ अपनी दूसरी इनिंग का पर्दा उठाया, बल्कि ये भी बताया कि शांति में शक्ति है, और इनर वॉयस ही असली GPS है जो आपको आपकी मंजिल तक पहुंचाता है.

विवेक ओबराय ने मंच पर साफ कहा- “शोर में अपनी आवाज खो बैठा था, अब उसे फिर से सुन रहा हूं.” यह वाक्य उनके ट्रांसफॉर्मेशन की असली पहचान है. जब कैमरा ऑफ होता है, तब भी लोग पब्लिक इमेज को बनाए रखने के प्रेशर में होते हैं. लेकिन विवेक मानते हैं कि असली शक्ति भीतर की शांति में है, वहीं से दूसरा अध्याय शुरू होता है.

कितना बड़ा है बिजनेस नेटवर्क?

विवेक आज करीब 50 कंपनियों से जुड़े हैं, जिनमें से 12 कंपनियां IPO तक पहुंच चुकी हैं, और 2 और इसी साल लिस्ट होंगी.

  • Solitario नाम की कंपनी में वे lab-grown diamonds को ब्रांड वैल्यू के साथ बेचते हैं.
  • BNW Developments के तहत 24 ऑफ प्लान्ड प्रोजेक्ट्स पाइपलाइन में हैं जिसकी ग्रॉस वैल्यूएशन 55,000 करोड़ रुपये है.
  • iScholar जैसी edtech कंपनियों में भी उनका निवेश है. साथ ही विवेक ने Damac, Sobha और Danube जैसी अरब कंपनियों से पार्टनरशिप कर रखी है.
  • वो बताते हैं कि उन्होंने अपने आइडियाज को खुद फंड किया, खुद रोडमैप बनाया और फिर प्रूवन रिजल्ट्स के साथ निवेशकों के सामने गए.

विवेक ओबराय ने बताया कि BNW Developments आज 82 देशों में अपनी प्रॉपर्टी बेच रही है, 17000 से ज्यादा इंटरनेशनल ब्रोकर्स उनके साथ हैं. इसके अलावा कंपनी किसी भी कर्ज के तल नहीं है.

विवेक बताते हैं कि “कंपनी को ग्राउंड से खड़ा किया, बिना किसी कैश बर्न के. आज जब बड़े फंड्स, ग्लोबल इन्वेस्टर्स खुद निवेश का प्रस्ताव देते हैं, वो हमारे लिए सबसे बड़ा वैलिडेशन है.”

विवेक ओबराय ने जोर देकर कहा कि अपनी ब्रांड इमेज को मैनेज करने के लिए हमें अपनी कहानी खुद लिखनी होती है. उन्होंने साझा किया कि उनके पास 12 कंपनियों को आईपीओ तक ले जाने का अनुभव है. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि इस साल वह दो और कंपनियों को मार्केट में लाने की योजना बना रहे हैं.

क्या है विवेक ओबराय का सक्सेस मंत्र?

विवेक ओबराय का कहना है, “हम गूगल मैप्स को फॉलो करते हैं लेकिन अपने जीवन के इनर कम्पास को भूल जाते हैं.
उनका नाम “Vivek” भी संस्कृत में ‘अंतरात्मा की आवाज’ को दर्शाता है, और वो मानते हैं कि शोर से निकलकर उसी ‘विवेक’ की तरफ लौटना जरूरी है.

ओबराय ने अपने अनुभव साझा किया कि स्टार्टअप वैल्यूएशन के चककर में फंसने की बजाय, उन्होंने अपनी कंपनियों को मुनाफे के आधार पर विकसित किया. “मैंने खुद की पूंजी लगाई, काम को डेटा और रिजल्ट से पुख्ता किया, फिर जाकर निवेशकों के दरवाजे खटखटाए.”

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अपने संबोधन के अंत में ओबराय ने कहा कि जो लोग ‘फीनिश लाइन’ पर अड़कर रह जाते हैं, वे अपनी वास्तविक क्षमता से चूक जाते हैं. असली विजय उन लोगों की है जो निरंतर आत्मनिरीक्षण में विश्वास रखते हुए, खुद के ‘दूसरे अध्याय’ को शांति और दृढ़ता से लिखते हैं. विवेक ओबराय ने दर्शकों को एक संदेश देते हुए कहा- “जब आप अपनी आत्मा की आवाज-विवेक- को सुनकर कदम बढ़ाते हैं, तो दुनिया भी वही सम्मान और अवसर आपको देती है.”