Paytm को RBI से Payment Aggregator लाइसेंस की मंजूरी मिली, मर्चेंट ऑनबोर्डिंग बैन भी हटा, जानें क्या होगा फैसले का असर?

भारतीय रिवर्ज बैंक ने Paytm Payments Services को Payment Aggregator लाइसेंस की सैद्धांतिक मंजूरी दी है. इसके साथ ही मर्चेंट ऑनबोर्डिंग पर लगा बैन भी हटा दिया है. RBI से कंपनी को यह राहत Ant Financial के पूरी तरह बाहर निकलने के बाद मिली है. रिजर्व बैंक के इस फैसले को पेटीएम के लिए बड़ी रेगुलेटरी राहत माना जा रहा है.

पेटीएम. Image Credit: TV9 Bharatvarsh

फिनटेक दिग्गज Paytm को RBI से बड़ी राहत मिली है. कंपनी की पेमेंट सर्विस यूनिट Paytm Payments Services Limited (PPSL) के लिए RBI ने मंगलवार को Payment Aggregator लाइसेंस देने की सैद्धांतिक मंजूरी दी है. इससे PPSL अब Payment and Settlement Systems Act, 2007 के तहत एक ऑनलाइन पेमेंट एग्रीगेटर के रूप में काम कर सकेगी. कंपनी ने BSE को दी रेगुलेटरी फाइलिंग में RBI के फैसले की जानकारी देते हुए कहा, “RBI ने PPSL को इन-प्रिंसिपल ऑथराइजेशन दे दिया है, ताकि वह ऑनलाइन पेमेंट एग्रीगेटर के रूप में काम कर सके.”

अब तक क्यों अटका मामला?

पेमेंट एग्रीगेटर लाइसेंस के लिए Paytm के आवेदन को RBI पहले खारिज कर चुका है. RBI ने विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) नियमों के अनुपालन में कमी का हवाला देते Paytm के आवेदन को खारिज कर दिया था. इसके साथ ही कंपनी को निर्देश दिया था कि वह रेगुलेटरी शर्तें पूरी करने के बाद ही दोबारा आवेदन करे. इसके बाद कंपनी ने वित्त मंत्रालय से FDI अनुमोदन हासिल किया और लाइसेंस के लिए फिर से आवेदन किया.

Ant Financial के बाहर होते ही मिली मंजूरी

रिजर्व बैंक की तरफ से Paytm को यह मंजूरी चीनी कंपनी Ant Financial के बाहर निकलने के बाद मिली है. Ant Financial ने Paytm की पैरेंट कंपनी One 97 Communications में अपनी पूरी 5.84% हिस्सेदारी करीब 3,803 करोड़ में बेच दी थी. इस डील के बाद Paytm में चीनी कंपनियों का निवेश शून्य हो गया है.

क्या होगा फैसले का असर?

सैद्धांतिक मंजूरी मिलने के बाद PPSL को अभी कई रेगुलेटरी निर्देशों का पालन करना होगा, ताकि फाइनल ऑथराइजेशन मिल सके. पेमेंट एग्रीगेटर के रूप में मंजूरी मिलने के बाद Paytm नए अब मर्चेंट जोड़ पाएगी. इसके अलावा अपने डिजिटल पेमेंट सॉल्यूशंस को और व्यापक स्तर पर पेश कर पाएगी. इसमें कार्ड, UPI, नेटबैंकिंग और वॉलेट के जरिये पेमेंट प्रोसेसिंग शामिल हैं. बाजार के जानकारों के मुताबिक यह कदम Paytm के लिए व्यावसायिक मोर्चे पर एक बड़ी राहत है, क्योंकि इससे कंपनी न सिर्फ अपने पेमेंट बिजनेस को मजबूती दे पाएगी बल्कि निवेशकों का भरोसा भी बढ़ेगा.

क्या शेयर पर दिखेगा असर?

RBI से पेमेंट एग्रीगेटर लाइसेंस की इन-प्रिंसिपल मंजूरी के बाद Paytm बिजनेस के मोर्चे पर जहां अपने पेमेंट प्रोसेसिंग और मर्चेंट ऑनबोर्डिंग को बिना रुकावट जारी रख पाएगी. वहीं, दूसरी तरफ ट्रांजैक्शन वॉल्यूम और रेवेन्यू ग्रोथ के अवसर भी बढ़ेंगे. इसके अलावा नियामकीय जोखिम कम होने की वजह से कंपनी के शेयर को लेकर भी निवेशकों में भरोसा बढ़ने की उम्मीद की जा सकती है.