6 साल में 30000 से 1 लाख रुपये तक पहुंचा सोना, अब भी कमाई बाकी या लगेगा ब्रेक; Motilal Oswal फर्म ने दी राय

2019 से लेकर अब तक सोने ने निवेशकों को जबरदस्त रिटर्न दिए हैं. कई लोगों की संपत्ति में चार चांद लग गए. लेकिन क्या ये रैली अब थमने वाली है? एक बड़ी ब्रोकरेज फर्म ने सोने को लेकर जो भविष्यवाणी की है, वो निवेशकों को हैरान कर सकती है.

Gold में निवेश से पहले जरूर पढ़ें ये रिपोर्ट Image Credit: FreePik

Gold price prediction 2025: सोने की चमक बीते छह वर्षों से निवेशकों को आकर्षित कर रही है. 2019 से 2025 के बीच सोने के भावों में जबरदस्त तेजी देखने को मिली और इस रैली में Motilal Oswal जैसी ब्रोकरेज कंपनियों ने समय समय पर निवेशकों को बाजार की रणनीति भी सुझाई. अब एक बार फिर फर्म ने एक रिपोर्ट जारी की है जिसमें उन्होंने पांच साल के रैली को देखते हुए गोल्ड के आगामी भविष्य पर अपनी राय रखी है. अब ब्रोकरेज फर्म का मानना है कि गोल्ड में बड़ी तेजी का दौर संभवतः पूरा हो चुका है और आगे के सफर में फूंक-फूंक कर कदम रखने की जरूरत होगी.

2019 से 2025 तक सोने का सफर

ब्रोकरेज फर्म मोटिलाल ओसवाल की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने 2019 में ही गोल्ड में बुलिश रुख अपना लिया था. तब गोल्ड का मूल्य करीब 30,000 रुपये था. इसके बाद कंपनी लगातार अपने टार्गेट बढ़ाती गई और हर रिपोर्ट में ऊंचे स्तर की संभावना जताती रही. उनके मुताबिक, शुरुआती सालों में गोल्ड ने 50,000 रुपये के स्तर को पार किया. 2023 तक कीमतें 69,000 रुपये के आसपास पहुंच गईं. 2025 के आंकलन में गोल्ड करीब 1,02,000 रुपये के लक्ष्य के करीब आ गया.

इतना ही नहीं, पिछले 25 सालों के डाटा में यह भी सामने आया कि कॉमेक्स गोल्ड ने एक साल में अधिकतम 32 फीसदी तक की ही बढ़त दर्ज की थी. पिछले छह सालों में कुल मिलाकर 30 फीसदी से अधिक का रिटर्न देखने को मिला है.

क्या रही तेजी के प्रमुख वजहें

रिपोर्ट में कीमतों में आई जोरदार तेजी के पीछे कई कारण गिनाए गए हैं:

इन सभी फैक्टर्स का सामूहिक असर गोल्ड की रैली में दिखा.

अब आगे क्या?

Motilal Oswal की रिपोर्ट में कहा गया है कि अब गोल्ड में और तेजी के लिए जरूरी है कि नए, बड़े ट्रिगर बाजार में आएं. पुराने ट्रिगर लगभग दामों में दिख चुके हैं, और उच्चतम स्तर पर ‘मार्केट फटीग’ के संकेत दिखने लगे हैं. कंपनी ने सुझाव दिया है कि अगर कोई निर्णायक संकेत या तगड़ा ट्रिगर नहीं मिलता है तो बाजार में कुछ समय के लिए ठहराव या करेक्शन संभव है.

फर्म की सलाह है कि लंबी अवधि के निवेशक ठोस नए संकेत मिलने तक सतर्क रहें. शॉर्ट टर्म ट्रेडर्स के लिए सलाह है कि अगर दाम 96,000 रुपये के नीचे टिकने लगें तो हेजिंग या आंशिक निकलाव पर विचार करें. अगर फिर से मजबूत संकेत नजर आते हैं तो ब्रोकरेज फर्म अपने बुलिश रुख की ओर लौट सकती है.

डिस्क्लेमर: यह रिपोर्ट एक्सपर्ट ब्रोकरेज हाउसों द्वारा दी गई राय और उनके रिसर्च विश्लेषण के आधार पर तैयार की गई है. इसमें दिए गए सभी विचार और सुझाव पूरी तरह संबंधित एक्सपर्ट्स के अपने निजी विचार हैं. Money9 किसी निवेश की सलाह नहीं देता.निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.