अब क्रिप्टो से पाकिस्तान फैलाएगा आतंक! ट्रंप परिवार से सीक्रेट डील, हमास कनेक्शन; ये है दुश्मन की नई चाल

पाकिस्तान में क्रिप्टोकरेंसी को लीगल बनाने की कवायद तेज हो गई है, लेकिन क्या इससे आतंकवाद की फंडिंग आसान हो जाएगी? पाकिस्तान क्रिप्टो माइनिंग और बिटकॉइन रिजर्व बनाने की योजना भी बना रहा है. वह अमेरिका के क्रिप्टो नियमों का फायदा भी उठाना चाहता है. लेकिन इससे क्या टेरर फंडिंग के लिए आसान रास्ता खुल जाएगा?

पाकिस्तान में क्रिप्टो खोलेगा टेरर फंडिंग का रास्ता Image Credit: Money9live/Canva

Pakistan Cryptocurrency: पाकिस्तान ने अपने देश में क्रिप्टो करेंसी को लीगल बनाने की ओर प्लान को तेज कर दिया है. पाकिस्तान ने 2000 मेगावाट बिजली क्रिप्टो माइनिंग को देने का फैसला किया है. साथ ही, बिटकॉइन रिजर्व बनाने की भी घोषणा कर दी है. इसमें वह अमेरिका की भी मदद ले रहा है. खासकर ट्रंप, जो खुद भी अमेरिका को क्रिप्टो का प्लेनेट बनाना चाहते हैं. लेकिन पाकिस्तान में क्रिप्टो लीगल होने का कहीं ये तो मतलब नहीं कि इससे आतंकियों की फंडिंग आसान और चोरी छिपे होने लगेगी?

क्रिप्टो को हर कोई शक की निगाह से देखता है, लेकिन जब से ट्रंप इसमें निवेश कर रहे हैं, खुद का क्रिप्टो ट्रंप कॉइन निकाल चुके तब से इस संदिग्ध क्रिप्टो के जाल को सपोर्ट मिलने लग गया है और जब पाकिस्तान इसका इस्तेमाल करें तो सवाल उठता है. ET के एक ओपिनियन आर्टिकल में इसी बात को लेकर चिंता जताई गई है. इसके मुताबिक सवाल उठाया गया कि कहीं ट्रंप क्रिप्टो को सपोर्ट कर पाकिस्तान में आतंकवाद की फाइनेंसिंग के लिए तो रास्ता नहीं खोल रहे?

हमास सपोर्टर पाक क्रिप्टो प्लान का सलाहकार

चीन में जन्मे कनाडाई नागरिक बाइनेंस (Binance) के पूर्व सीईओ चांगपेंग झाओ पाकिस्तान की क्रिप्टो काउंसिल के रणनीतिक सलाहकार बन चुके हैं. ये हमास जैसे प्रतिबंधित संगठनों के लिए फंड जुटाने की अनुमति देने के आरोप में अमेरिकी जेल में सजा काट चुके हैं और फिर अरबों की डील करने के बाद ही छूटे.

वहीं, चीन में जन्मे और सेंट किट्स के नागरिक क्रिप्टो अरबपति जस्टिन सन ने ट्रंप से जुड़ी कंपनी वर्ल्ड लिबर्टी फाइनेंशियल (WLF) में 3 करोड़ डॉलर का निवेश किया है, जो पाकिस्तान के साथ मिलकर कारोबार कर रही है.

क्रिप्टो के सपोर्टर ट्रंप

आर्टिकल के मुताबिक, क्रिप्टो के चक्कर में ट्रंप प्रशासन ने न सिर्फ बाइडन की क्रिप्टो नीति को उलटा है बल्कि उन निगरानी संस्थाओं को भी खत्म कर दिया है जो धोखाधड़ी के मामलों पर नजर रखती थी. 2008 की वित्तीय मंदी के बाद बनाई गई यूएस कंज़्यूमर फाइनेंशियल प्रोटेक्शन ब्यूरो (CFPB) को भी बंद कर दिया गया है. व्हाइट हाउस के नए AI और क्रिप्टो प्रमुख डेविड सैक्स ने CFPB पर क्रिप्टो कंपनियों को सालों से डराने का आरोप लगाया.

आतंकवाद को भी सपोर्ट करेगा क्रिप्टो

रिपोर्ट के मुताबिक, सबसे बड़ी चिंता है आतंकवाद को मिलने वाला फाइनेंशियल सहारा. अमेरिकी वित्त विभाग की 2024 की नेशनल टेररिस्ट फाइनेंसिंग रिस्क असेसमेंट (NTFRA) रिपोर्ट में चेतावनी दी गई थी कि ISIS-K और हमास जैसे संगठन अब वर्चुअल एसेट्स को समझने और इस्तेमाल करने लगे हैं.

रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप का जल्द GENIUS Bill को कानून में बदलना चाहते हैं. इसके तहत वे उन देशों के साथ स्टेबलकॉइन का लेनदेन करेंगे जिनके पास क्रिप्टो की समान कानून और व्यवस्था हो.

यहीं पाकिस्तान मौका भुनाने की कोशिश में है. उसकी योजना है कि वह GENIUS बिल की मदद से अमेरिका के साथ लेनदेन की वैधता पाए.

ट्रंप दे रहे मदद

हालांकि पाकिस्तान समेत एल साल्वाडोर और इथियोपिया, ये तीनों देश आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं और IMF की मदद पर निर्भर हैं. लेकिन तीनों ने क्रिप्टो को लेकर बड़ी घोषणाएं की हैं. सवाल ये है कि IMF की शर्तों में क्या ऐसे जोखिमों की इजाजत दी जा सकती है?

एक तरफ कि एल साल्वाडोर देश की GDP का 15% बिटकॉइन में निवेश किया, जो IMF की नसीहत के खिलाफ है फिर भी ट्रंप के समर्थन से उन्हें 1.4 अरब डॉलर की अतिरिक्त फंडिंग मिल गई.

तो क्या इससे वाकई पाकिस्तान में आतंकियों की फंडिंग का रास्ता क्रिप्टो के जरिए आसानी से खुल जाएगा.