RBI Rate Cut: बड़ा तोहफा दे सकता है रिजर्व बैंक, ब्याज दर में 0.5% तक कटौती संभव; SBI Research ने बताई वजह

रिजर्व बैंक की तरफ से देश की अर्थव्यवस्था को बूस्ट करने के लिए बड़ा तोहफा मिल सकता है. शुक्रवार को रिजर्व बैंक की मौद्रिक समिति की बैठक होनी है. एसबीआई रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक बैठक में ब्याज दरों में 50 आधार अंक की कटौती का फैसला किया जा सकता है.

रिजर्व बैंक की एमपीसी की बैठक में होगा बड़ा फैसला. Image Credit: Money9live

RBI Repo Rate Cut: होम लोन, कार लोन सहित तमाम तरह के लोन की EMI चुकाने वालों को जल्द ही बड़ी खुशखबरी मिल सकती है. 6 जून को रिजर्व बैंक की MPC यानी मौद्रिक नीति समिति की बैठक होनी है. इस बैठक में यह समिति ब्याज दरों में बड़ी कटौती का ऐलान कर सकती है. SBI रिसर्च की एक रिपोर्ट के मुताबिक शुक्रवार 6 जून को होने वाली RBI MPC बैठक में को 50 आधार अंकों की ब्याज दर में बड़ी कटौती का ऐलान हो सकता है.

SBI की रिपोर्ट में कहा गया है कि रिजर्व बैंक की तरफ से यह कदम क्रेडिट साइकल को रिवाइव करने और बाजार में जारी अनिश्चितता के माहौल को नियंत्रित करने में अहम साबित हो सकता है. अप्रैल में रिजर्व बैंक की तरफ से रेपो रेट में 25 आधार अंकों की कटौती की गई थी, जिससे के बाद रेपो रेट 6% हो गई है. अब एसबीआई का अनुमान है कि जून में होने वाली बैठक में रेपो रेट में 50 आधार अंकों की कटौती की जा सकती है. इससे कमर्शियल बैंकों की तरफ से कम ब्याज दर पर कर्ज दिया जाएगा, जिससे बैंको का क्रेडिट साइकल सुधर सकता है.

कब शुरू होगी MPC की बैठक?

तय कार्यक्रम के हिसाब से हर दो महीने में होने वाली रिजर्व बैंक की मौद्रिक समिति की बैठक बुधवार 4 जून को शुरू होगी. तीन दिन चलने वाली इस बैठक में समिति जो भी फैसले लेगी, उनकी जानकारी शुक्रवार 6 जून को सार्वजनिक की जाएगी. इससे पहले अप्रैल में RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा की अध्यक्षता में समिति ने रेपो रेट में 25 आधार अंक की कटौती की थी.

क्या है SBI रिसर्च का अनुमान?

SBI रिसर्च की रिपोर्ट के मुताबिक फरवरी और अप्रैल 2025 में रेपो रेट में हुई 25-25 आधार अंकों की कटौती के बाद अब रिजर्व बैंक 50 आधार अंक की कटौती कर सकती है. इस तरह रेपो रेट में कुल 1 फीसदी की कमी आ जाएगी. यह उन अनुमानों के मुताबिक है, जो बैंको के क्रेडिट साइकल को सुधारने, अस्थिरता को नियंत्रित करने और आर्थिक गतिविधियों को बूस्ट करने के लिए मौद्रिक समिति से अपेक्षित हैं.

किन लोगों को मिलेगा फायदा?

बैंकों की तरफ से फिलहाल दो बेंचमार्क के आधार पर लोन दिया जाता है. EBLR यानी एक्सटर्नल बेंचमार्क बेस्ड लेंडिंग रेट और MCLR यानी मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट. EBLR सीधे तौर पर रेपो रेट से लिंक है. इसका मतलब है कि जैसे ही रिजर्व बैंक की तरफ से रेपो रेट में कटौती की जाएगी, उन सभी लोन के रेट में भी कटौती हो जाएगी, जो इस बेंचमार्क से लिंक्ड हैं.

कितने लोन EBLR आधारित?

SBI की रिपोर्ट के मुताबिक देश में करीब 60.2 फीसदी लोन EBLR से लिंक्ड हैं. वहीं, 35.9 फीसदी लोन MCLR से लिंक्ड हैं. MCLR की रिसेट अवधि लंबी होती है, क्योंकि यह फंड्स की लगात से जुड़ा बेंचमार्क है, ऐसे में इससे लिंक्ड लोन के रेट घटने में कुछ समय लग सकता है.