इस अरबपति ने तत्काल टिकट बुकिंग को बताया मजाक, बोला ऐसे दूर हो जाएगी प्रॉब्लम; अगर IRCTC करे ये काम
IRCTC पर तत्काल टिकट बुक करना अब एक डिजिटल जुए की तरह बन गया है. हर सुबह 10 बजे लाखों लोग टिकट पाने की उम्मीद में वेबसाइट पर जुटते हैं, लेकिन नतीजा अक्सर निराश ही करता है. टिकट दिखते तो हैं, लेकिन चंद सेकेंड में गायब हो जाते हैं.

IRCTC Tatkal Ticket Booking: IRCTC ने तत्काल टिकट बुकिंग की सुविधा इसलिए दे रखी है ताकि इमरजेंसी में भी लोग सीट बुक करके ट्रेन का सफर कर सके. लेकिन इस पूरे तत्काल में सबसे ज्यादा फायदा इमरजेंसी में जाने वाले यात्रियों का नहीं बल्कि IRCTC का होता है जो हर टिकट के लिए ज्यादा पैसा मांगती है. हर बार तत्काल में टिकट करते समय IRCTC पर इतना ट्रैफिक होता है कि वेबसाइट या ऐप ही काम करना बंद कर देती है. अब इस पर अरबपति बिजनेसमैन ने भी सवाल उठा दिया है, उन्होंने केवल सवाल ही नहीं उठाया बल्कि समाधान भी दिया है. चलिए जानते हैं.
हर समय IRCTC पर तत्काल टिकट बुक करना जुए की तरह हो गया है. हर सुबह 10 बजे लाखों लोग वेबसाइट खोलते हैं फिर चंद सेकेंड में सारे टिकट गायब हो जाते हैं. वेबसाइट या तो फ्रीज हो जाती है, या क्रैश कर जाती है या फिर रिस्पॉन्ड नहीं करती है. इस मुद्दे पर हेल्थकेयर सर्विस कंपनी थायरोकेयर के फाउंडर डॉ ए वेलुमणि ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर इसे शॉकिंग और धोखा बताया. उन्होंने लिखा कि ठीक 10 बजे सब कुछ ढह जाता है, वेबसाइट लोड नहीं होती, टिकट गायब हो जाते हैं.
डॉ वेलुमणि ने सिर्फ आलोचना नहीं की उन्होंने अपने बिजनेस के अनुभव से समाधान भी सुझाया. उन्होने लिखा कि थायरोकेयर की वेबसाइट पर भी एक समय पर भारी ट्रैफिक से सर्वर क्रैश हो जाया करता था. हम तब महंगे सर्वर नहीं खरीद सकते थे तो हमने यूजर एक्सेस को स्टैगर यानी धीरे-धीरे फैलाना शुरू किया.
कैसे ठीक हो सकता है IRCTC
डॉ वेलुमणि ने सुझाव दिया कि अगर IRCTC में सच में केवल सर्वर लोड लेने की समस्या है तो IRCTC को हर घंटे केवल 1/10 ट्रेनों की बुकिंग खोलनी चाहिए, जिससे ट्रैफिक का दबाव कम होगा और सिस्टम सुचारु रूप से काम करेगा. उन्होंने IRCTC के आधिकारिक अकाउंट को टैग करते हुए यह सलाह साझा की है.
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10% लोगों को मिलता है कन्फर्म टिकट
बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, LocalCircles ने अप्रैल से मई 2025 के बीच एक सर्वे कराया जिसमें 396 जिलों के 55,000 यात्रियों से बात की गई.
- इनमें से 73% यात्रियों ने बताया कि जब उन्होंने पिछले एक साल में ऑनलाइन तत्काल टिकट बुक करने की कोशिश की, तो बुकिंग विंडो खुलते ही पहले मिनट में ही वे वेटिंग लिस्ट में चले गए.
- सिर्फ 40% यात्रियों को लगता है कि ऑनलाइन सिस्टम ही तत्काल टिकट पाने का सबसे सही तरीका है.
- वहीं 30% से ज्यादा लोग ट्रैवल एजेंट्स का सहारा लेने की बात मानते हैं.
- बाकी लोग कई डिवाइस से कोशिश करते हैं, सीधे रेलवे स्टेशन चले जाते हैं या किसी सांसद या रेलवे स्टाफ से संपर्क करने तक की कोशिश करते हैं.
सर्वे में यह भी सामने आया कि पिछले 12 महीनों में तत्काल बुकिंग की कोशिश करने वाले 18,851 लोगों में से 29% ने कहा कि उन्हें केवल 0 से 25 प्रतिशत मौकों पर ही सफलता मिली. इतने ही लोगों ने कहा कि वे कभी भी सफल नहीं हो पाए. सिर्फ 10% यात्रियों को हर बार टिकट मिला.
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