ईरान पर अमेरिकी हमले से दांव पर लग गए भारत के 3.4 लाख करोड़, तेल छोड़िए इन देशों से ठप हो जाएगा व्यापार
अमेरिका के ईरान के न्यूक्लियर साइट पर हमले से मध्य पूर्व में तनाव बढ़ गया है, जिससे भारत के लिए चिंता बढ़ गई है. ईरान स्ट्रेट ऑफ होर्मुज को बंद कर सकता है, जिससे भारत का 40 अरब डॉलर का व्यापार प्रभावित हो सकता है. इससे तेल की कीमतें बढ़ सकती हैं.
India Trade Impact US Attacks Iran: अब तक ट्रंप के टैरिफ अटैक से भारत समेत दुनियाभर के व्यापार में खलबली मची थी लेकिन अब ट्रंप की ईरान के न्यूक्लियर साइट पर एयर स्ट्राइक से बड़ी खलबली मच गई है. मिडिल ईस्ट में तनाव फैला हुआ है. ईरान स्ट्रेट ऑफ होर्मुज को बंद कर सकता है जो तेल की दुनिया का गेटवे है. वह इस हमले का जवाब भी दे सकता है जिससे हालात और बिगड़ने की आशंका है. भारत के लिए ये स्थिति ज्यादा चिंताजनक बन गई है, क्योंकि इस क्षेत्र से भारत का करीब 40 अरब डॉलर, लगभग 3.4 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का व्यापार दांव पर लग सकता है.
संकट सिर्फ तेल का ही नहीं…
ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) के फाउंडर अजय श्रीवास्तव बताते हैं कि, अगर इस रास्ते में शिपिंग, बंदरगाह या फाइनेंशियल सिस्टम प्रभावित होते हैं, तो भारत के व्यापार पर सीधा असर पड़ेगा. माल ढुलाई और इंश्योरेंस की लागत बढ़ जाएगी, सप्लाई प्रभावित होगी.
ईरान अगर अमेरिकी बेस पर हमला करता है तो ये चिंता वाली बात इसलिए है क्योंकि अमेरिकी सैन्य ठिकाने कतर, UAE और आसपास के खाड़ी देशों में मौजूद हैं. ऊपर से ईरान होर्मुज स्ट्रेट को बंद कर दे तो समस्या गंभीर हो जाएगी.
भारत का किन देशों से कितना व्यापार
पिछले साल खाड़ी देशों के साथ भारत ने 220 अरब डॉलर का व्यापार किया था और अब तक भारत और खाड़ी देशों के बीच होने वाले व्यापार पर बड़ा असर नहीं पड़ा है. लेकिन तेल की कीमतें और ज्यादा बढ़ती हैं या होर्मुज से समुद्री रास्ता बंद होता है तो भारत की शिपमेंट पर असर पड़ सकता है.
वित्तीय वर्ष 2025 में भारत और मिडिल ईस्ट के देश जैसे ईरान, इराक, इजरायल, जॉर्डन, लेबनान, सीरिया और यमन के बीच करीब 41.8 अरब डॉलर का व्यापार होता है. इसमें से ईरान और इजरायल के साथ ही सिर्फ 5.4 अरब डॉलर का व्यापार हुआ था.
होर्मुज से रास्ता बंद हुआ तो क्या होगा
भारत के लिए खास चिंता यही है. होर्मुज स्ट्रेट. इसी रास्ते से भारत का लगभग दो-तिहाई कच्चा तेल और आधी से ज्यादा LNG आती है. इस रास्ते पर कंट्रोल ईरान का है. अगर ये रास्ता बंद होता है, तो तेल की कीमतें आसमान छू सकती हैं. इससे भारत का-
- इंपोर्ट बिल बढ़ेगा
- महंगाई पर असर पड़ेगा
- आर्थिक संतुलन बिगड़ेगा
- इंश्योरेंस प्रीमियम बढ़ जाएगा
- माल ढुलाई की कीमतें काफी बढ़ जाएंगी.
तेल के अलावा होर्मुज से दक्षिण में रेड सी का बाब-अल-मंडेब स्ट्रेट भी है. ये रास्ता भारत के लिए यूरोप, अमेरिका और नॉर्थ अफ्रीका के साथ व्यापार के लिए अहम है, जिससे होकर करीब 30% एक्सपोर्ट होता है.
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कहां पहुंच गई तेल की कीमतें
13 जून को जब से इजरायल ने ईरान पर हमला किया, तब से तेल की कीमतें चढ़ रही हैं. ब्रेंट क्रूड की कीमत अब 77 डॉलर प्रति बैरल के आसपास है, जो पहले 69 डॉलर थी. हालांकि पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी का कहना है कि भारत पिछले कुछ सालों से तेल अलग अलग जगहों से मंगा रहा है, इसलिए ज्यादा चिंता की बात नहीं है.